MP Budget 2024 Live Updates: मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विपक्षी कांग्रेस के हंगामे के बीच बुधवार को विधानसभा में 2024-25 के लिए राज्य का बजट पेश किया। कांग्रेस ने कथित नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर आपत्ति जताई और मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग की। विपक्ष के नेता उमंग सिंघार और अन्य कांग्रेस सदस्य सारंग के इस्तीफे पर जोर देते हुए सदन के वेल में खड़े हो गए। देवड़ा ने वित्त वर्ष 2025 के लिए राज्य का बजट पेश किया। नीमच, मंदसौर और सिवनी जिलों में तीन चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित किये जाएंगे।
मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अगले दो वर्षों में आठ और चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना बना रही है। महिला एवं बाल विकास के लिए सरकार ने 26,560 करोड़ रुपये आवंटित किए। बिजली योजना के लिए 520 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। गौशालाओं के लिए 590 करोड़ रुपये, वन एवं पर्यावरण के लिए 4,725 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
पुलिस विभाग में राज्य सरकार 7500 पदों पर भर्तियां करेगी। पुलिस आवास योजना के लिए 367 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। स्वच्छ मिशन के लिए 500 करोड़ रुपये वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छ मिशन योजना के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। दिव्यांगों की पेंशन के लिए 4,421 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कई ऐसे नर्सिंग कॉलेज के कामकाज में घोर अनियमितताओं से संबंधित कथित घोटाले की जांच कर रहा है, जिनमें बुनियादी ढांचे की कमी है जबकि कुछ केवल कागजों पर ही मौजूद हैं। बजट पेश करने के लिए जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के नेता उमंग सिंघार और अन्य कांग्रेस सदस्यों ने कथित घोटाले के सिलसिले में मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग की।
विपक्ष के सदस्यों ने आसन के सामने खड़े होकर सारंग के इस्तीफे की मांग की। बजट भाषण शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि विपक्ष को यह मुद्दा उठाने के लिए मंगलवार को पर्याप्त समय दिया गया था और उन्हें बजट पेश किए जाने के दौरान सदन की परंपरा के अनुसार इसमें भाग लेना चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विधानसभा की कार्यवाही सदन के नियमों और परंपराओं के अनुसार चलेगी और विपक्ष को उचित प्रक्रिया के तहत अपनी शिकायतें उठानी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा कि सदन के नियमों में ढील दिए जाने के बाद विपक्ष मंगलवार को यह मुद्दा उठा चुका है।
विपक्षी सदस्यों ने विजयवर्गीय की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और वे आसन के सामने खड़े होकर नारेबाजी करते रहे और फिर वहीं बैठ गए। वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने के दौरान शोरगुल के कारण बजट भाषण सुनाई नहीं दिया।