संकट में फंसी निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के एक हजार से अधिक पायलटों ने एक अप्रैल से विमान नहीं उड़ाने के अपने फैसले पर अडिग रहने का निर्णय किया है।
पायलटों ने यह निर्णय ऐसे समय किया जब एयरलाइन शुक्रवार को बैंकों से धन प्राप्त करने में नाकाम रही। जेट एयरवेज के करीब 1100 पायलटों के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले संगठन ‘नेशनल एविएटर्स गिल्ड’ ने पिछले सप्ताह घेाषणा की थी कि अगर उनके बकाये वेतन का भुगतान नहीं किया गया और 31 मार्च तक पुनर्जीवन योजना पर स्थिति स्पष्ट नहीं की जाती है तो वे एक अप्रैल से विमान नहीं उड़ाएंगे।
इसके कुछ दिन बाद, ऋण से उबारने की योजना के तहत एयरलाइन प्रबंधन एसबीआई नीत बैंक संघ के हाथों में चला गया था।
जेट एयरवेज के 200 पायलटों ने दी थी छुट्टी पर जाने की चेतावनी
इससे पहले जेट एयरवेज के करीब 200 पायलटों ने वेतन नहीं मिलने के कारण मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विनय दुबे को पत्र लिख छुट्टी पर जाने तथा कानूनी कदम उठाने की चेतावनी दी थी।
पायलटों के समूह से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि करीब 200 पायलटों ने वेतन नहीं मिलने को लेकर सीईओ को चेतावनी दी है। सूत्र ने कहा कि ये पायलट नेशनल एविएटर्स गिल्ड के सदस्य भी हैं। गिल्ड के एक अधिकारी ने पायलटों की संख्या बिना बताये कहा कि कुछ पायलटों ने व्यक्तिगत आधार पर सीईओ को पत्र लिखा है।