मूडीज ने भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 9.3 प्रतिशत किया

By भाषा | Updated: May 11, 2021 21:00 IST2021-05-11T21:00:43+5:302021-05-11T21:00:43+5:30

Moody's lowered India's growth forecast to 9.3 percent | मूडीज ने भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 9.3 प्रतिशत किया

मूडीज ने भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 9.3 प्रतिशत किया

नयी दिल्ली 11 मई क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को करीब चार प्रतिशत घटाकर मंगलवार को 9.3 प्रतिशत कर दिया जबकि पहले उसने 13.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान रखा था।

मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को नकारात्मक परिदृश्य के साथ बीएए3 पर रखा है। उसका कहना है कि आर्थिक वृद्धि के रास्ते में अड़चनें, ऊंचा रिण और कमजोर वित्तीय प्रणाली का सावरेन साख पर असर पड़ता है।

अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने फरवरी में 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 13.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। आधिकारिक अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत संकुचित हुई है।

मूडीज ने कहा, ‘‘भारत कोविड-19 की भीषण दूसरी लहर का सामना का कर रहा है। जो निकट-अवधि के आर्थिक सुधार को धीमा और लंबी अवधि के विकास गति को कम कर सकता है। कोरोना संक्रमण के नए मामलों में तेजी ने भारत की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर बहुत अधिक दबाव डाला जिससे अस्पतालों में चिकित्सा आपूर्ति कम पड़ गई।’’

उसने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आर्थिक सुधार को बाधित करेगी और इससे लंबी अवधि के लिए जोखिम बढ़ता है। कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।

मूडीज ने हालांकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के पहली लहर के मुकाबले कम गंभीर होने की उम्मीद जताई। उसने कहा कि पहली लहर के दौरान कई महीनों के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था जबकि इस बार छोटे स्तर पर और कम समय के लिए प्रतिबंध लगाए है। व्यापारी और उपभोक्ता भी महामारी के साथ-साथ आर्थिक संचालन गतिविधियां चलाने के आदी हो गए हैं।

एजेंसी ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि अप्रैल-जून तिमाही तक आर्थिक उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव रहेगा। लेकिन वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था मजबूती से रिकवरी करेगी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण हमने आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को संशोधित किया है। आर्थिक दर के वित्त वर्ष 2021-22 में 13.7 प्रतिशत से घटकर 9.3 फीसदी रहने का अनुमान है।’’

मूडीज ने कहा, ‘‘आर्थिक विकास की बाधाओं, उच्च ऋण बोझ और कमजोर वित्तीय प्रणाली के कारण भारत की रिण स्थिति पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। महामारी के कारण उत्पन्न हुए इन जोखिमों को कम करने या उनका सामना करने के लिए नीति बनाने वाले संस्थान संघर्ष कर रहे हैं।’’

भारतीय अर्थव्यस्था जैसे ही पटरी पर लौटती हुई दिख रही थी, तभी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर देश में तूफान की तरह फ़ैल गई। जिसके कारण कई राज्यों को लॉकडाउन लगाना पड़ा जिससे व्यवसायों को भी बड़ा झटका लगा है।

उल्लेखनीय है की एस एंड पी ने पिछले सप्ताह भारत की वृद्धि दर को घटाकर उसके 9.8 प्रतिशत पर रहने का पूर्वानुमान जताया था। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने भी चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को घटाकर 8.2 प्रतिशत कर दिया जबकि पहले उसने 11 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान रखा था।

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Web Title: Moody's lowered India's growth forecast to 9.3 percent

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