आदर्श किरायेदारी कानून से निजी क्षेत्र में आवासीय परियोजनाएं विकसित करने को बढ़ावा मिलेगा: उद्योग

By भाषा | Updated: June 2, 2021 23:24 IST2021-06-02T23:24:52+5:302021-06-02T23:24:52+5:30

Model tenancy law will encourage development of residential projects in private sector: Industry | आदर्श किरायेदारी कानून से निजी क्षेत्र में आवासीय परियोजनाएं विकसित करने को बढ़ावा मिलेगा: उद्योग

आदर्श किरायेदारी कानून से निजी क्षेत्र में आवासीय परियोजनाएं विकसित करने को बढ़ावा मिलेगा: उद्योग

नयी दिल्ली, दो जून मंत्रिमंडल के आदर्श किरायेदारी कानून के मसौदे को बुधवार को हरी झंडी देने के बाद अगर राज्य आने वाले समय में इस कानून को ज्यों का त्यों लागू करते हैं तो इससे निजी क्षेत्र किराये के मकसद से आवासीय परियोजनाएं विकसित करने के लिये प्रेरित होंगे। साथ ही डेवलपर खाली पड़े फ्लैट को किराये में उपयोग के लिये प्रोत्साहित होंगे। उद्योग विशेषज्ञों ने यह बात कही।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉडल किरायेदारी कानून को मंजूरी दे दी है। इस कदम से देश में किराये के मकान के संबंध में कानूनी ढांचे को दुरूस्त करने में मदद मिलेगी जिससे आगे इस क्षेत्र के विकास का रास्ता खुलेगा।

कानून के तहत सभी नये किरायेदारी को लेकर लिखित समझौते को अनिवार्य किया गया है जिसे संबंधित जिला किराया प्राधिकरण के पास जमा करने की जरूरत होगी।

उद्योग के अनुमान के अनुसार देश भर में 1.1 करोड़ से अधिक मकान खाली पड़े हैं और विशेषज्ञों को भरोसा है कि नये कानून से ये मकान किराया बाजार में आएंगे तथा इससे आवास की कमी दूर होगी।

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार मॉडल कानून में किराया वृद्धि में किरायेदारों को तीन महीने का नोटिस तथा रिहायशी संपत्ति के मामले में केवल दो महीने की सुरक्षा जमा राशि के प्रावधान किये गये हैं।

इस बारे में नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘‘एक नए कानून की आवश्यकता थी।

यह सभी संबद्ध पक्षों - किरायेदारों, मकान मालिकों और निवेशकों - के लिए किराये के आवास के संदर्भ में लेनदेन और सौदे को आसान बनाएगा।’’

उन्होंने कहा कि मॉडल कानून से खाली पड़े मकानों को किराये पर देने के लिये लोग प्रेरित होंगे।

एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि नया कानून किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच उनके दायित्वों को स्पष्ट कर विश्वास की कमी को पाटने में मदद करेगा। अंततः देश भर में खाली मकानों को संबंधित पक्ष किराये पर देने के लिये प्रोत्साहित होगा।

पुरी के अनुसार सभी राज्यों में इसके लागू होने के साथ किराया बाजार संगठित होगा। ‘‘इससे न केवल किराया बाजार में मजबूती आएगी बल्कि कुल मिलाकर आवास क्षेत्र को लाभ होगा।’’

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने कहा कि मॉडल किरायेदारी कानून में मकान मालिक और किरायेदार दोनों के अधिकारों और कर्तव्यों को विनियमित करने के प्रावधान हैं और यह दोनों पक्षों के बीच चीजों को संतुलित करेगा।

बेंगलुरु स्थित नोब्रोकर के सीईओ और सह-संस्थापक अमित अग्रवाल ने कहा कि किराया बाजार के असंगठित से संगठित बाजार होने से किरायेदारों के साथ-साथ मकान मालिकों के हितों की रक्षा होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘अधिनियम में दो महीने के किराए की राशि के बराबर सुरक्षा जमा का प्रावधान किया गया है। अधिनियम के अनुसार मकान मालिक विवाद की स्थिति में बिजली और पानी की आपूर्ति को नहीं काट सकता है।’’

अग्रवाल ने कहा, ‘‘ये प्रावधान किरायेदारों के हित में है क्योंकि यह किराया वृद्धि को नियमित करता है जिसका सामना किरायेदारों को करना पड़ता है।

रियल एस्टेट विशेषज्ञ और जेएलएल इंडिया के पूर्व सीईओ रमेश नायर ने कहा कि यह अधिनियम झुग्गियों को कम करने में मदद करेगा और अगर अच्छी तरह से लागू किया गया तो देश में आवास की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

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Web Title: Model tenancy law will encourage development of residential projects in private sector: Industry

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