तेल कंपनियों को 30000 करोड़ और उज्ज्वला योजना के लिए 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी, जानिए बड़े फैसले

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 8, 2025 18:37 IST2025-08-08T18:36:33+5:302025-08-08T18:37:26+5:30

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू एलपीजी की बिक्री पर हुए घाटे के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल) को 30,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति को मंजूरी दी है।

LPG subsidy Rs 30000 crore oil companies subsidy Rs 12000 crore on Ujjwala scheme know big decisions | तेल कंपनियों को 30000 करोड़ और उज्ज्वला योजना के लिए 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी, जानिए बड़े फैसले

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Highlights वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें उच्च स्तर पर थीं और आगे भी ऊंची बनी रहेंगी।तेल विपणन कंपनियों के बीच क्षतिपूर्ति का वितरण पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।तेल विपणन कंपनियों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाए रखने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।

नई दिल्लीः मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) को पिछले 15 महीने में लागत से कम कीमत पर एलपीजी बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 30,000 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। आधिकारिक बयान के अनुसार, तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को यह क्षतिपूर्ति 12 किस्तों में दी जाएगी। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें उच्च स्तर पर थीं और आगे भी ऊंची बनी रहेंगी।

हालांकि, उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए बढ़ी हुई लागत का बोझ घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं पर नहीं डाला गया जिससे तीनों तेल विपणन कंपनियों को भारी नुकसान हुआ। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने घाटे के बावजूद देश में किफायती दामों पर घरेलू एलपीजी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की है।

बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू एलपीजी की बिक्री पर हुए घाटे के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल) को 30,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति को मंजूरी दी है।’’

इसमें कहा गया, इस क्षतिपूर्ति से तेल विपणन कंपनियां अपनी आवश्यक जरूरतों जैसे कच्चे तेल व एलपीजी की खरीद, ऋण चुकाने और अपने पूंजीगत व्यय को जारी रखने में सक्षम होंगी। इससे देश भर के मकानों में एलपीजी सिलेंडरों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी। तेल विपणन कंपनियों के बीच क्षतिपूर्ति का वितरण पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।

बयान में कहा गया, ‘‘ यह कदम वैश्विक ऊर्जा बाजारों में उतार-चढ़ाव से उपभोक्ताओं की रक्षा करने और साथ ही इन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाए रखने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।’’

उज्ज्वला योजना के तहत 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंत्रिमंडल की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। सरकार के इस फैसले से देश के करीब 10.33 करोड़ परिवारों को लाभ होगा।

पीएमयूवाई की शुरुआत मई 2016 में देश भर के गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने के लिए की गई थी। इस साल एक अगस्त तक देश भर में लगभग 10.33 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन दिए जा चुके हैं। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, "मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थियों को प्रति वर्ष नौ गैस सिलेंडरों पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की लक्षित सब्सिडी को मंजूरी दे दी है। इस पर 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।" भारत अपनी रसोई गैस जरूरतों का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान सुधार योजना के लिए बजट को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 175 इंजीनियरिंग संस्थानों और 100 पॉलिटेक्निक सहित 275 तकनीकी संस्थानों में बहुविषयक शिक्षा एवं अनुसंधान सुधार (मेरिट) योजना के कार्यान्वयन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका कुल वित्तीय भार 2025-26 से 2029-30 तक की अवधि के लिए 4,200 करोड़ रुपये है।

इस 4,200 करोड़ रुपये में से, विश्व बैंक से ऋण के रूप में 2,100 करोड़ रुपये की बाहरी सहायता प्राप्त होगी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘275 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों का इस योजना के अंतर्गत चयन और सहयोग किया जाएगा।

इसमें चयनित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), राज्य इंजीनियरिंग संस्थान, पॉलिटेक्निक और संबद्ध तकनीकी विश्वविद्यालय (एटीयू) शामिल होंगे।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, तकनीकी शिक्षा प्रदान करने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के विभागों को भी मेरिट योजना के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा। लगभग 7.5 लाख छात्र इस योजना से लाभान्वित होंगे।’’

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