भारतीय लघु, मझोले उद्यमों के वित्तपोषण को यूएसएड, डीएफसी का रिण गारंटी कार्यक्रम
By भाषा | Updated: March 18, 2021 18:37 IST2021-03-18T18:37:57+5:302021-03-18T18:37:57+5:30

भारतीय लघु, मझोले उद्यमों के वित्तपोषण को यूएसएड, डीएफसी का रिण गारंटी कार्यक्रम
नयी दिल्ली, 18 मार्च भारत लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) की ओर से छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों और नवीकरण ऊर्जा समाधानों में किये जाने वाले निवेश के वित्तपोषण में मदद के लिये अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) और अमेरिका अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) ने मिलकर 4.10 करोड़ डालर का रिण पोर्टफोलियो गारंटी कार्यक्रम का प्रायोजन किया है।
एक वक्तव्य में अमेरिकी राजदूतावास ने इसकी जानकारी देते हुये कहा कि ऐसे रिण से लघु एवं मध्यम उद्यमों को सस्ती बिजली उपलब्ध हो सकेगी और लागत कम करने में मदद मिलेगी।
वक्तव्य में कहा गया है कि भारत के वाणिज्यिक एवं औद्योगिकी क्षेत्र को बिजली के लिये ऊंची फीस देनी पड़ती है। ऐसे में छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र एक वहनीय, लागत बचाने वाला निवेश हो सकता है, लेकिन लघु एवं मझोले उद्यमों और आवासीय उपभोक्ताओं को छत पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने में वित्तीय जरूरतों के मामले में अड़चनों का सामना करना पड़ता है।
भारत में कुल औद्योगिक बिजली खपत में 48 प्रतिशत खपत लघु एवं मध्यम उद्यमों में होती है। उनकी इस चुनौती में मदद के लिये यूएसएड और डीएफसी ने न्यूयार्क स्थित पर्यावरण केन्द्रित निवेश कंपनी एनकरेज कैपिटल और दो भारतीय गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों --सीकेर्स फाइनेंसियल और महिलाओं के स्वामित्व वाली इलेक्ट्रानिका फाइनेंस लिमिटेड (ईएफएल)-- के साथ भागीदारी की है।
एनकरेज कैपिटल ने ईएफएल में डेढ करोड़ डालर का निवेश किया है। यह कंपनी यूएसएड- डीएफसी के रिण पोर्टफोलियो गारंटी का इस्तेमाल करते हुये छतों पर लगने वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों को लगाने को बढ़ावा देगा। यह लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिये नौ अरब डालर का बाजार उपलब्ध करायेगा।
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