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ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर 28% GST लगाने की मांग पर लगी मुहर, संसद में जीएसटी संशोधन बिल पास

By अंजली चौहान | Updated: August 11, 2023 17:36 IST

लोकसभा में माल एंव सेवा कर से जुड़े दो संशोधित विधेयकों को पास किया गया है।

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ठळक मुद्दे केंद्रीय मंत्री मंडल ने बिल को पहले ही दी थी मंजूरी लोकसभा में जीएसटी संशोधित दो बिल पास हो गए अब से ऑनलाइन गेम्स में 28 फीसदी कर लगेगा।

नई दिल्ली: लोकसभा में शुक्रवार को ऑनलाइन गेम और कसीनो पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का विधयेक पास कर दिया गया है।

केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 और एकीकृत वस्तु व सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023 को को 28 प्रतिशत वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लगाने का रास्ता बनाने के लिए आज लोकसभा में बिना बहस के पास कर दिया गया है। ये बिल ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर लागू किया जाएगा। 

गौरतलब है कि आज संसद के मानसून सत्र का आखिरी दिन था और सदन के अनिश्चिकालीन समय के लिए स्थगित होने से पहले बिल को मंजूरी मिल गई। 

इससे पहले, जीएसटी परिषद ने 2 अगस्त को आयोजित अपनी 51वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर कराधान के लिए आवश्यक प्रासंगिक अधिनियमों में संशोधन करने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने और 1 अक्टबर 2023 से इन वस्तुओं पर कर लगाना शुरू करने का निर्णय लिया था। 

केंद्र सरकार के अनुसार, ये संशोधन कैसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग में आपूर्ति के कराधान पर स्पष्टता प्रदान करेंगे। 

जीएसटी कांउसिल ने की सिफारिश 

दरअसल, जीएसटी परिषद ने आईजीएसटी अधिनियम, 2017 में एक विशिष्ट प्रावधान शामिल करने की सिफारिश की थी। इसके तहत भारत के बाहर स्थित एक आपूर्तिकर्ता द्वारा भारत में किसी व्यक्ति को ऑनलाइन मनी गेमिंग की आपूर्ति पर जीएसटी का भुगतान करने की देनदारी और जनता द्वारा पहुंच को अवरुद्ध करने का प्रावधान किया गया था।

पंजीकरण और कर के भुगतान के प्रावधानों का पालन करने में विफलता के मामले में ऐसे आपूर्तिकर्ता द्वारा ऑनलाइन मनी गेमिंग की आपूर्ति के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी भी कंप्यूटर संसाधन में उत्पन्न, प्रसारित, प्राप्त या होस्ट की गई किसी भी जानकारी के लिए।

काउंसिल ने यह भी सिफारिश कि की कसीनो में ऑनलाइन गेमिंग की आपूर्ति और कार्रवाई योग्य दावों का मूल्यांकन खिलाड़ी द्वारा या उसकी ओर से आपूर्तिकर्ता को भुगतान की गई या जमा की गई राशि के आधार पर किया जा सकता है (गेम में दर्ज की गई राशि/सट्टे की राशि को छोड़कर) पिछले खेलों/दावों की जीत का) और लगाए गए प्रत्येक दाँव के कुल मूल्य पर नहीं।

खासतौर पर जीएसटी परिषद ने 11 जुलाई को हुई 50वीं बैठक में सिफारिश की थी कि कैसिनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग पर पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाया जा सकता है, भले ही गतिविधियाँ कौशल का खेल हों या मौका का।

परिषद ने यह भी सिफारिश की थी कि मामले में स्पष्टता प्रदान करने के लिए कानून में संशोधन किया जा सकता है।

जीएसटी संसोधन के ये नए बदलाव इसी साल 1 अक्टूबर से लागू किए जाएंगे। ऐसे में ऑनलाइन गेम्स और कसीनो में 20 फीसदी कर लगाया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, संसद ने ‘केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023’ और ‘एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023’ को शुक्रवार को मंजूरी दे दी । इसके माध्यम से ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ क्लबों में दांव पर लगाई जाने वाली पूरी राशि पर 28 प्रतिशत कर लगाने के लिए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है।

राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उक्त दोनों विधेयक को पारित होने के लिए रखा और सदन ने इसे बिना चर्चा के मंजूरी दे दी। इस दौरान कई विपक्षी दलों के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। इससे पहले लोकसभा ने इस विधेयक को आज ही मंजूरी दी थी।

सीजीएसटी और आईजीएसटी कानूनों में संशोधन संसद में पारित होने के पश्चात राज्यों को संबंधित विधानसभाओं से राज्य जीएसटी कानून में ऐसे ही संशोधनों की मंजूरी लेनी होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ही इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी ।

इससे पहले जीएसटी परिषद ने केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) अधिनियमों में संशोधन को पिछले सप्ताह मंजूरी दी थी। जीएसटी परिषद ने दो अगस्त को अपनी 51वीं बैठक में कसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग में आपूर्ति पर कराधान स्पष्ट करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम 2017 की अनुसूची तीन में संशोधन की सिफारिश की थी।

परिषद ने विदेशी संस्थाओं द्वारा प्रदान किए गए ऑनलाइन मनी गेमिंग पर जीएसटी तय करने के लिए आईजीएसटी अधिनियम, 2017 में एक प्रावधान डालने की भी सिफारिश की है।

ऐसी संस्थाओं को भारत में जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करना आवश्यक होगा। यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन मनी गेमिंग, ऑनलाइन गेम के भुगतान के लिए उपयोग की जाने वाली डिजिटल संपत्तियों और ऑनलाइन गेमिंग के मामले में आपूर्तिकर्ताओं को परिभाषित करेगा।

टॅग्स :जीएसटीभारतबिजनेससंसद मॉनसून सत्र
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