भूमि सौदा विवाद: पार्थ पवार की कंपनी को देना होगा 42 करोड़ रुपये?, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की घोषणा, 7 प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप शुल्क भी लगेगा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 8, 2025 12:59 IST2025-11-08T12:58:39+5:302025-11-08T12:59:30+5:30

Land deal dispute: पंजीयन एवं स्टांप विभाग ने पार्थ पवार के रिश्ते के भाई और अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी के साझेदार दिग्विजय अमरसिंह पाटिल को सूचित किया है कि कंपनी को पहले की सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी (महाराष्ट्र स्टांप अधिनियम के तहत पांच प्रतिशत, एक प्रतिशत स्थानीय निकाय कर और एक प्रतिशत मेट्रो उपकर) का भुगतान करना होगा।

Land deal dispute Parth Pawar's company pay Rs 42 crore Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar announces 7% additional stamp duty | भूमि सौदा विवाद: पार्थ पवार की कंपनी को देना होगा 42 करोड़ रुपये?, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की घोषणा, 7 प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप शुल्क भी लगेगा

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Highlightsअब प्रस्तुत रद्दीकरण विलेख से पता चलता है कि योजना रद्द कर दी गई है।सौदे में आवश्यक स्टांप ड्यूटी भी माफ कर दी गई थी।कंपनी द्वारा खरीदी गई जमीन सरकार की है।

पुणेः पुणे में एक भूखंड को लेकर अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी द्वारा किए गए बिक्री विलेख को रद्द करने की महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की घोषणा के बाद यह बात सामने आई है कि अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी को अब रद्दीकरण के लिए दोगुना स्टांप शुल्क देना होगा जो 42 करोड़ रुपये है। पंजीयन एवं स्टांप विभाग ने पार्थ पवार के रिश्ते के भाई और अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी के साझेदार दिग्विजय अमरसिंह पाटिल को सूचित किया है कि कंपनी को पहले की सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी (महाराष्ट्र स्टांप अधिनियम के तहत पांच प्रतिशत, एक प्रतिशत स्थानीय निकाय कर और एक प्रतिशत मेट्रो उपकर) का भुगतान करना होगा क्योंकि उसने यह दावा करके छूट मांगी थी कि भूमि पर एक डेटा सेंटर प्रस्तावित है।

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रद्दीकरण विलेख को निष्पादित करने के लिए कंपनी को सात प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप शुल्क भी देना होगा। विभाग के अनुसार, कंपनी ने बिक्री विलेख के समय यह कहते हुए स्टांप शुल्क में छूट का दावा किया था कि जमीन पर एक डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा लेकिन अब प्रस्तुत रद्दीकरण विलेख से पता चलता है कि योजना रद्द कर दी गई है।

पुणे के पॉश मुंधवा इलाके में 300 करोड़ रुपये में 40 एकड़ जमीन की बिक्री के सौदे ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। यह जमीन अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी नामक कंपनी को बेची गई थी जिसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भागीदार हैं। यह जमीन सरकारी बताई जा रही है और इस सौदे में आवश्यक स्टांप ड्यूटी भी माफ कर दी गई थी।

इसके अलावा, विपक्षी दलों का आरोप है कि संबंधित जमीन की वास्तविक कीमत करीब 1,800 करोड़ रुपये है। रजिस्ट्रार कार्यालय के महानिरीक्षक द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पिंपरी चिंचवड पुलिस ने दिग्विजय पाटिल, शीतल तेजवानी (जिन्होंने पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से भूमि के 272 'मालिकों' का प्रतिनिधित्व किया था) और उप-रजिस्ट्रार (पंजीयक) आर बी तारू के खिलाफ कथित गबन और धोखाधड़ी को लेकर प्राथमिकी दर्ज की। अजित पवार ने शुक्रवार को दावा किया कि पार्थ को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी कंपनी द्वारा खरीदी गई जमीन सरकार की है।

उन्होंने बताया था कि 300 करोड़ रुपये का यह सौदा अब रद्द हो चुका है। संयुक्त उप पंजीयक (वर्ग द्वितीय) ए पी फुलवारे ने अपने आदेश में कहा, ‘‘सात प्रतिशत की दर से स्टांप शुल्क का भुगतान करना आवश्यक है (महाराष्ट्र स्टांप अधिनियम के तहत पांच प्रतिशत, एक प्रतिशत स्थानीय निकाय कर और एक प्रतिशत मेट्रो उपकर) इसलिए बिक्री विलेख से संबंधित घाटा स्टांप शुल्क और जुर्माना स्टांप पुणे शहर के जिलाधिकारी के पास जमा किया जाना चाहिए और उक्त दस्तावेज पर विधिवत स्टांप होनी चाहिए।’’

अधिकारी ने इसी पत्र में कहा कि उक्त भूमि का निरस्तीकरण विलेख निष्पादित कराने के लिए कंपनी को अतिरिक्त सात प्रतिशत स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा। पत्र की एक प्रति में स्पष्ट किया गया है कि स्टांप शुल्क का भुगतान करने के बाद ही विलेख रद्द किया जाएगा।

Web Title: Land deal dispute Parth Pawar's company pay Rs 42 crore Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar announces 7% additional stamp duty

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