लाइव न्यूज़ :

कोटक महिंद्रा एएमसी को अपीलीय न्यायाधिकरण से राहत

By भाषा | Updated: October 26, 2021 19:27 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने बाजार नियामक सेबी के आदेश पर आंशिक रूप से रोक लगाकर कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी को राहत दी है। सेबी ने अपने आदेश में कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी को यूनिटधारकों से लिये गये निवेश प्रबंधन और परामर्श शुल्क का एक हिस्सा लौटाने को कहा था।

इसके अलावा, अपीलीय न्यायाधिकरण ने संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) से चार सप्ताह के भीतर ब्याज वाले खाते में 20 लाख रुपये जमा करने को कहा है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अगस्त में एएमसी से छह ‘फिक्स्ड मैच्यूरिटी प्लान’ (एफएमपी) योजनाओं में यूनिटधारकों से वसूले गये निवेश प्रबंधन और परामर्श शुल्क का एक हिस्सा 15 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ वापस करने को कहा था।

इसके अलावा सेबी ने नियमों के उल्लंघन को लेकर कोटक महिंद्रा एएमसी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और कंपनी को छह महीने के लिये कोई नई एफएमपी योजना पेश करने से रोक दिया था।

कंपनी ने सेबी के आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की थी।

सैट ने 21 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘अपीलकर्ता (कोटक महिंद्रा एएमसी) के यूनिटधारकों से एकत्र किए गए निवेश प्रबंधन और सलाहकार शुल्क के एक हिस्से को वापस करने के सेबी के निर्देश पर रोक रहेगी।’’

न्यायाधिकरण के अनुसार, यह इस शर्त के निर्भर है कि कोटक महिंद्रा एएमसी सेबी को एक हलफनामा देगी कि अगर अपील में निर्णय उसके खिलाफ आता है, तो वह निवेश प्रबंधन और सलाहकार शुल्क के साथ नियामक के आदेश का अनुपालन करेगी।

सेबी को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करना है। उसके बाद कोटक महिंद्रा एएमसी को जवाबी हलफनामा दायर करने के लिये तीन सप्ताह का समय मिलेगा।

हालांकि, न्यायाधिकरण ने 50 लाख रुपये जुर्माना और नई एफएमपी योजनाएं पेश करने को लेकर छह महीने की पाबंदी को नहीं हटाया है।

मामला छह एफएमपी योजनाओं से जुड़ा है जो अप्रैल और मई, 2019 में परिपक्व हुईं। इसके तहत एडिसन यूटिलिटी वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड और कोंटी इंफ्रापावर एंड मल्टीवेंचर प्राइवेट लिमिटेड के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) में निवेश किया गया था। यह एस्सेल समूह से संबंधित है और इस पर जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के इक्विटी शेयरों की गिरवी के जरिये गारंटी दी गयी थी।

नियामक ने निवेश का निर्णय करते समय जोखिम मूल्यांकन में फंड हाउस की तरफ से चूक पाई थी।

सेबी ने अपने आदेश में कहा था, ‘‘जांच-पड़ताल में लापरवाही, निवेशकों के साथ संवाद करने में अत्यधिक देरी, एफएमपी योजनाओं की परिपक्वता तिथियों की वैधानिकता का उल्लंघन और नियमों का उल्लंघन कर जारीकर्ताओं के जीरो कूपन गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (जेडसीएनसीडी) की परिपक्वता के विस्तार की अनुमति जैसी गड़बड़ियां हुईं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतजम्मू कश्मीर सरकार की आधिकारिक छुट्टियों की सूची ने खोला पिटारा बवाल का

भारतJammu Kashmir: कश्मीर में शुरू हुआ चिल्ले कलां, 40 दिन रहेगा भयंकर सर्दी का दौर

कारोबारPetrol, Diesel Price Today: आज के ईंधन के दाम: दिल्ली, मुंबई से लेकर पटना तक; जानें अपने शहर में पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट

बॉलीवुड चुस्कीनोरा फतेही की कार हुई हादसे का शिकार, एक्सीडेंट को याद करके सहमी एक्ट्रेस

विश्वBangladesh: हिंदू युवक की हत्या मामले में बांग्लादेशी सरकार का एक्शन, 10 आरोपी गिरफ्तार

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारPost Office Scheme: 1000 हजार रुपये से शुरू करें पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम, 5 साल बाद मिलेगा 4 लाख का निवेश; जानें कैसे मिलेगा फायदा

कारोबारअब UPI और ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा, जानें तरीका और इसके फायदे

कारोबारखरीफ के लिए 425 करोड़ रुपए, किसानों से दलहन-तिलहन उपार्जन की केन्द्र ने दी स्वीकृति

कारोबारGold Rate Today: आज का सोने का रेट, जानें 20 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत

कारोबारबिहार के सिल्क सिटी भागलपुर में फीकी पड़ रही है रेशम के धागों की चमक, जूझ रहा है आधुनिक तकनीक और बाजार की चुनौतियों से