नई दिल्ली, 6 मार्च; कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड ( FIPB) के पूर्व सदस्यों के साथ पूछताछ करने की योजना बनाई है। ईडी की इस कार्रवाई से जांच यूपीए सरकार तक पहुंच जाएगा। ईडी यूपीए सरकार के वित्त मंत्रालय के कामकाज की जांच करेगा। गौरतलब है कि FIPB को प्रभावित करने के आरोप में कार्ति चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। सुप्रीम कोर्ट कार्ति चिदंबरम की याचिका पर आज (6 मार्च) को सुनवाई भी कर सकता है।
इकनॉमिक टाइम्स के आईएनएक्स मीडिया के जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा नोटिस भेजे जा चुके हैं, जो उस वक्त FIPB से जुड़े हुए थे। ये सारे नोटिस तकरीबन उस वक्त गए थे, जब आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश में मंजूरी मिली थी। अधिकारी ने यह भी बताया कि जांच एजेंसियों ने इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया को मिली एफआईपीबी की मंजूरी की जांच-पड़ताल के लिए भी नोटिस भेजा था।
एफआईआर में अज्ञात एफआईपीबी मेंबर्स और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के नाम होने से प्रवर्तन निदेशालय (ED) को इस केस को सुलझाने में काफी मदद मिलेगी। हालांकि जांच एजेंसियों ने नोटिस भेजे गए मंत्रियों के नाम उजागर नहीं किए हैं। बता दें कि एफआईपीबी को पिछले साल 2017 में ही भंग कर दिया गया था। आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव इसके हेड हुआ करते थे। ये डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी ऐंड प्रमोशन( DIPP) और वाणिज्य और विदेश मंत्रालयों का भी प्रतिनिधित्व किया करता था।
वहीं, 5 मार्च को ईडी के अफसरों ने दावा किया है कि कार्ति चिदंबरम ने किसी बड़े नेता के बैंक अकाउंट में 1.8 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। ईडी के अफसरों के मुताबिक इस रकम को रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड की चेन्नै स्थित शाखा में ट्रांसफर किया गया था। गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में फिलहाल कार्ति चिदंबरम सीबीआई कस्टडी में हैं। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने ईडी के समन को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है। कार्ति को सीबीआई ने 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के आईएनएक्स (INX) मीडिया से रिश्वत लेने का आरोप है।