Sensex crashes: चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध भड़कने की आशंका, निवेशकों को 5.82 लाख करोड़ का नुकसान, डॉलर के आगे 64 पैसे गिरा रुपया
By भाषा | Published: May 4, 2020 07:47 PM2020-05-04T19:47:09+5:302020-05-04T19:47:09+5:30
तीन दिन बाद शेयर बाजार खुला। विश्व भर में आशंका है कि अमेरिका और चीन में व्यापार युद्ध भड़क सकता है। इस कारण दुनिया भर में शेयर बाजार धड़ाम से गिरा। रुपये का भी हाल बुरा रहा।
नई दिल्ली/मुंबईः शेयर बाजारों में सोमवार को हुई भारी बिकवाली के चलते निवेशकों को 5.82 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का नुकसान हुआ है। सोमवार को बीएसई के संवेदी सूचकांक में 2,002 अंक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिका और चीन के बीच फिर से व्यापार युद्ध भड़कने की आशंका के से सोमवार को रुपये का चार दिनों की मजबूती का सिलसिला थम गया। अंतरबैंकिंग बाजार में रुपये की विनिमय दर 64 पैसे गिरकर 75.73 प्रति डॉलर पर बंद हुई। कारोबारियों ने कहा कि रुपये पर घरेलू शेयर बाजारों में भारी बिकवाली तथा अमेरिकी डॉलर की मजबूती का भी दबाव रहा।
बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स सोमवार को 2,002.27 अंक यानी 5.94 प्रतिशत गिरकर 31,715.35 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 31,632.02 अंक तक नीचे चला गया था। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ने से बाजार की धारणा प्रभावित हुई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका पर नये शुल्क लगाने की धमकी दी है। ’’
उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर भी ऐसी कई वजह रही हैं जिससे कारोबारी धारणा कमजोर पड़ी है। कंपनियों के कमजोर तिमाही परिणाम, वाहन कंपनियों की अप्रैल बिक्री शून्य रहना और लॉकडाउन की अवधि दो सप्ताह और बढ़ना ऐसे प्रमुख कारण रहे हैं जिनसे बाजार में गिरावट का रुख रहा।
शेयर बाजार में गिरावट के चलते बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण सोमवार को 5,82,695.93 करोड़ रुपये घटकर 1,23,58,924.89 करोड़ रुपये रह गया। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में सबसे बड़ा नुकसान आईसीआईसीआई बैंक को हुआ।
इसका शेयर मूल्य 11 प्रतिशत गिर गया। इसके बाद बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी और इंडसइंड बैंक के शेयरों में गिरावट रही। हालांकि, बढ़त पाने वाले शेयरों में भारती एयरटेल और सन फार्मा प्रमुख रहे। एशियाई और यूरोपीय बाजारों की गिरावट का भी घरेलू शेयर बाजारों की गिरावट में बड़ा योगदान रहा।
रेलिगेयर ब्रोकिंग की उपाध्यक्ष (धातु, ऊर्जा व मुद्रा शोध) सुगंधा सचदेवा ने कहा, ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के ऊपर नये शुल्क लगाने की धमकी दी है। इसके कारण निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के रूप में डॉलर की खरीदारी की जिससे डॉलर मजबूत हुआ।’’ छह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के बास्केट में डॉलर का सूचकांक 0.27 प्रतिशत बढ़कर 99.35 पर पहुंच गया। सचदेवा ने कहा कि घरेलू व वैश्विक बाजारों में बिकवाली के कारण भी रुपये पर दबाव बना हुआ है। कारोबार की शुरुआत में रुपया गिरावट के साथ 75.70 प्रति डॉलर पर खुला।
कारोबार के दौरान इसमें और गिरावट आयी। यह अंतत: प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर 64 पैसे गिरकर 75.73 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बृहस्पतिवार को रुपया 75.09 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। विदेशी मुद्रा बाजार शुक्रवार को महाराष्ट्र दिवस के कारण बंद था। सचदेवा ने कहा कि आने वाले समय में व्यापार युद्ध की आशंकाओं से आर्थिक सुधार के टलने की चिंताएं उभर सकती हैं। रुपये पर इसका दबाव रह सकता है। रुपया आने वाले समय में निकट भविष्य में 75.20 प्रति डॉलर और 76.60 प्रति डॉलर के दायरे में रह सकता है।
इनके अलावा कोरोना वायरस के संक्रमण के नये मामलों के बढ़ने का भी रुपये पर दबाव है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 42,530 पर पहुंच गयी। इससे मरने वालों की संख्या भी 1,370 के पार चली गयी। घरेलू बाजार में सेंसेक्स 1,891.69 अंक की गिरावट के साथ 31,825.93 अंक पर और निफ्टी 540.75 अंक की गिरावट के साथ 9,319.15 अंक पर कारोबार कर रहा था।