निवेश सलाहकार अपने ग्राहकों की तरफ से कोष, प्रतिभूतियों का प्रबंधन नहीं कर सकते: सेबी
By भाषा | Updated: July 2, 2021 21:32 IST2021-07-02T21:32:05+5:302021-07-02T21:32:05+5:30

निवेश सलाहकार अपने ग्राहकों की तरफ से कोष, प्रतिभूतियों का प्रबंधन नहीं कर सकते: सेबी
नयी दिल्ली, दो जुलाई बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि निवेश सलाहकार अपने ग्राहकों की तरफ से कोष या प्रतिभूतियों का प्रबंधन नहीं कर सकते और उन्हें इस संदर्भ में ‘पावर ऑफ अटार्नी’ मांगने के बारे में विचार नहीं करना चाहिए।
सेबी ने कहा कि ऐसे सलाहकारों का काम केवल अपने ग्राहकों को निवेश परामर्श देना है।
वाटरफील्ड फाइनेंशियल एंड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स ने निवेश परामर्शदाता (आईए) नियमों के संदर्भ में दिशानिर्देश मांगा था। उसके जवाब में नियामक ने उक्त बातें कही।
अपने पत्र में, निवेश सलाहकार ने सेबी से पूछा कि क्या उसके ग्राहक अपनी इच्छा से वाटरफील्ड को पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) दे सकते हैं, जिससे वह ‘कस्टोडियन’ के साथ ग्राहकों के खातों से संबंधित पूछताछ करने के लिए अधिकृत हो सके।
उसने यह भी पूछा था कि क्या वाटरफील्ड ग्राहकों के संरक्षक रूप में दूसरे से संपर्क कर सकता है और ग्राहकों से लिखित सहमति तथा निर्देश प्राप्त करने के बाद पीओए के तहत ग्राहकों के निवेश निर्णयों, निवेश उत्पादों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से दिये अपने जवाब में कहा कि निवेश परामर्शदाता का काम अपने ग्राहकों को सलाह देना है। उसका काम आईए नियमन के तहत अपने ग्राहकों की तरफ से कोष या प्रतिभूति का प्रबंधन करना नहीं है।
सेबी ने कहा कि आईए नियमन के तहत निवेश सलाकर के लिये जिन गतिविधियों पर विचार किया गया है, उसमें पीओए देना के बारे में कोई परिकल्पना नहीं की गयी है और न ही यह वांछनीय जान पड़ता है।
सेबी ने कहा कि यह स्थिति दी गई जानकारी पर आधारित है, ‘‘अलग-अलग तथ्य या शर्तों के तहत अलग विश्लेषण हो सकता है।
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