उद्योग जगत ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये नये राजकोषीय प्रोत्साहन, कदम उठाने के सुझाव दिये

By भाषा | Updated: December 14, 2020 23:20 IST2020-12-14T23:20:08+5:302020-12-14T23:20:08+5:30

Industry suggested new fiscal stimulus, steps to speed up economic growth | उद्योग जगत ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये नये राजकोषीय प्रोत्साहन, कदम उठाने के सुझाव दिये

उद्योग जगत ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये नये राजकोषीय प्रोत्साहन, कदम उठाने के सुझाव दिये

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर भारतीय उद्योग जगत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने के लिये अगले बजट में नये राजकोषीय प्रोत्साहन समेत और अनुकूल कदम उठाने का आग्रह किया है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव के बीच यह मांग की गयी है।

वित्त मंत्री के साथ डिजिटल तरीके से आयोजित बजट-पूर्व बैठक में उद्योग जगत ने व्यक्तिगत प्रत्यक्ष कर की दरों में कमी लाने, आवास क्षेत्र के लिये और प्रोत्साहन तथा जीएसटी (माल एवं सेवा कर) को और युक्तिसंगत बनाने का भी सुझाव दिया।

उद्योग मंडलों ने ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण और अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के लिये अधिक कर प्रोत्साहन देने की भी वकालत की।

उद्योग मंडल फिक्की ने बजट को लेकर अपनी सिफारिशों में कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर आ रही है और इस गति को बनाये रखने की जरूरत है। सरकार के त्वरित और समय पर उठाये गये कदमों के कारण यह तेजी संभव हो पायी है। अगले साल के बजट में वृद्धि उन्मुख उपायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और राजकोषीय मामलों पर उसके बाद गौर करना चाहिए। राजकोषीय प्रोत्साहन की जरूरत अभी बनी हुई है।’’

सीआईआई के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा, ‘‘सरकार का व्यय तीन क्षेत्रों... बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और सतत विकास... में प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए। बजट में दो मसलों के समाधान पर गौर करना चाहिए। उसमें एक निजी निवेश को बढ़ावा देना और रोजगार सृजन को समर्थन देना शामिल हैं।’’

कोटक ने वित्तीय क्षेत्र में सुधार की तत्काल जरूरत भी बतायी।

उन्होंने कहा कि 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करना बहुत हद तक वित्तीय क्षेत्र की मजबूती पर निर्भर है और सरकार को भारतीय स्टैट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक जैसे 3-4 बड़े बैंकों को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी अगले 12 महीनों में बाजार के रास्ते 50 प्रतिशत से नीचे लानी चाहिए।

उद्योग मंडल एसोचैम ने कर की दरों में कमी लाने का सुझाव दिया। उसने कंपनी कर में कटौती और व्यक्तिगत करदाताओं पर अधिभार में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत आयकर में कटौती का सुझाव दिया।

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Web Title: Industry suggested new fiscal stimulus, steps to speed up economic growth

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