कंपनियों के सामाजिक जिम्मेदारी के साथ काम में स्वतंत्र निदेशकों को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिये: कैग
By भाषा | Updated: December 15, 2020 22:17 IST2020-12-15T22:17:48+5:302020-12-15T22:17:48+5:30

कंपनियों के सामाजिक जिम्मेदारी के साथ काम में स्वतंत्र निदेशकों को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिये: कैग
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि कंपनियों के स्वतंत्र निदेशकों को फर्मों को लाभदायक, सामाजिक रूप से जिम्मेदार और पर्यावरण दृष्टिकोण से सतत रूप से काम करने को लेकर मार्गदर्शन के मामले में अति सक्रियता के साथ काम करना चाहिए।
डिजिटल तरीके से गोल्डेन पीकॉक पुरस्कार समारोह में मुर्मू ने कहा कि सरकारी वित्त के लिये ऑडिट निकाय के रूप में कैग ने पर्याववरण ऑडिट, शोध लेखा समेत अन्य को लेकर मानक और दिशानिर्देश तैयार किये हैं तथा मामला-दर-मामला आधार पर ऑडिट किया है।
कैग ने कहा, ‘‘हमने समय-समय पर केंद्रीय लोक उपक्रमों की कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) को देखा है और ऐसी गतिविधियों में सुधार लाने के लिये कई सुझाव और सिफारिशें दी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा समय में, यह उपयुक्त हो सकता है कि स्वतंत्र निदेशक अति सक्रियता के साथ काम करे और लाभकारी, सामाजिक रूप से जिम्मेदार और पर्यावरण रूप से अनुकूल विकास को लेकर कंपनियों का मार्गदर्शन करें।’’
मुर्मू ने कहा कि दीर्घकाल में इससे कंपनियों की साख बढ़ेगी। जिन कंपनियों की संचालन व्यवस्था अच्छी होगी, वे मौजूदा माहमारी जैसी प्रतिकूल परिस्थिति में मजबूती के साथ टिकी रहेंगी।
कैग की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के रूप में हम सरकार के वित्त पर भी नजर रखते हैं। हम न केवल ऑडिट पर गौर करते हैं बल्कि अनुपालन तथा प्रदर्शन पर भी हमारी नजर होती है।’’
मुर्मू ने कहा, ‘‘हम किसी संगठन के बही-खातों से परे उसकी दक्षता, कामकाज को लेकर प्रभावशीलता को भी देखते हैं।’’
इस मौके पर मौजूद संसदीय कार्य और भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 21वीं सदी भारत की है।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और ज्ञान मुख्य तत्व हैं जो भारत को आत्मनिर्भर देश बनने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि उद्योग क्षेत्र में चौथी क्रांति की चर्चा हो रही है, भारत को भी देर सबेर इसका हिस्सा बनना होगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।