आयकर विभाग ने एक जुलाई से अधिक टीडीएस कटौती वाले व्यक्ति की पहचान को नई व्यवस्था बनाई
By भाषा | Updated: June 22, 2021 13:53 IST2021-06-22T13:53:45+5:302021-06-22T13:53:45+5:30

आयकर विभाग ने एक जुलाई से अधिक टीडीएस कटौती वाले व्यक्ति की पहचान को नई व्यवस्था बनाई
नयी दिल्ली, 22 जून आयकर विभाग ने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने और टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) संग्रह करने वालों के लिए एक नई व्यवस्था तैयार की है जिसके जरिये उन व्यक्तिों की पहचान हो सकेगी उन आयकरदाताओं की पहचान हो सकेगी, जिन पर एक जुलाई से ऊंची दर से कर वसूला जाएगा।
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में यह प्रावधान किया गया है कि पिछले दो वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह अधिक दर से होगा, जिन पर दो वर्षों में प्रत्येक में 50,000 रुपये या उससे अधिक कर कटौती बनती है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में उच्च दर से कर कटौती/संग्रह को लेकर धारा 206एबी अैर 206सीसीए के क्रियान्वयन को लेकर सर्कुलर जारी किया।
आयकर विभाग ने ट्वीट किया, ‘‘धारा 206एबी और 206सीसीए के लिये अनुपालन जांच को लेकर नई व्यवस्था जारी की गयी है। इससे स्रोत पर कर काटने वाले तथा टीसीएस संग्रहकर्ता के लिये अनुपालन बोझ कम होगा।’’
सीबीडीटी ने कहा कि चूंकि टीडीएस काटने वाले या टीसीएस संग्रहकर्ता को व्यक्ति की पहचान को लेकर इसपर उचित ध्यान और कार्य करने की आवश्यकता होगी, अत: इससे उन पर अतिरिक्त अनुपालन बोझ पड़ सकता है।
बोर्ड ने कहा कि नई व्यवस्था - धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच’ - उन पर इस अनुपालन बोझ को कम करेगी।
नई व्यवस्था के तहत टीडीएस अथवा टीसीएस संग्रहकर्ता को उस भुगतानकर्ता अथवा टीसीएस देनदार का पैन प्रक्रिया में डालना है जिससे यह पता चल जायेगा कि वह ‘‘विशिष्ट व्यक्ति’’ है अथवा नहीं।
आयकर विभाग ने 2021- 22 की शुरुआत में ‘विशिष्ट व्यक्तियों’ की सूची तैयार कर ली है। यह सूची तैयार करते समय 2018- 19 और 2019- 20 को पिछले दो संबंधित वर्षों पर गौर किया गया है। इस सूची में उन करदाताओं के नाम हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2019- 20 और 2020- 21 के लिये रिटर्न दाखिल नहीं की है और इन दोनों वर्ष में प्रत्येक में उनका कुल टीडीएस और टीसीएस 50,000 रुपये अथवा इससे अधिक रहा है।
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