इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने 6,000 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी लि. (एनएआरसीएल) या बैड बैंक के गठन के लिए लाइसेंस को रिजर्व बैंक के पास आवेदन किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कंपनी पंजीयक (आरओसी) के पास पंजीकरण के बाद एनएआरसीएल का गठन पिछले महीने हुआ था। सूत्रों ने बताया कि 100 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी जुटाने तथा अन्य कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद कंपनी ने संपत्ति पुनर्गठन कारोबार का लाइसेंस लेने के लिए रिजर्व बैंक के पास आवेदन किया है। रिजर्व बैंक ने 2017 में पूंजी की जरूरत को पूर्व के दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया था। डूबे कर्ज को खरीदने के लिए अधिक नकदी की जरूरत को देखते हुए रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया था। सूत्रों ने कहा कि इस तरह के कारोबार के लिए लाइसेंस देने को रिजर्व बैंक की अपनी प्रक्रिया है। नियामक से इसका लाइसेंस लेने में कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। सूत्रों ने कहा कि इसके लिए रिजर्व बैंक की मंजूरी सितंबर या अक्टूबर में मिल सकती है। विभिन्न नियामकीय मंजूरियों और अन्य कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए कानूनी सलाहकार एजेडबी एंड पार्टनर्स की सेवाएं ली गई हैं। आईबीए को बैड बैंक की स्थापना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उसने एनएआरसीएल के लिए शुरुआती बोर्ड बनाया है। कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक से दबाव वाली संपत्तियों के विशेषज्ञ पी एम नायर को इसका प्रबंध निदेशक बनाया है। बोर्ड के अन्य सदस्यों में आईबीए के मुख्य कार्यकारी सुनील मेहता, एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक एस एस नायर और केनरा बैंक के मुख्य महाप्रबंधक अजित कृष्ण नायर शामिल हैं।
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