डॉलर के मुकाबले रुपये में रिकॉर्ड गिरावट, ऐसे बिगड़ेगा आपका मंथली बजट
By आदित्य द्विवेदी | Published: June 28, 2018 04:21 PM2018-06-28T16:21:02+5:302018-06-28T16:21:02+5:30
डॉलर के मुकाबले रुपये में रिकॉर्ड गिरावट से किराने का बिल, मनोरंजन, पढ़ाई, नौकरी और घूमने पर क्या होगा असर? पढ़िए ये विशेष रिपोर्ट...
बैंकिंग मुद्रा बाजार में अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट देखी जा रही है। गुरुवार को 1 डॉलर की कीमत 69.10 रुपये तक पहुंच गई। डॉलर के मुकाबले रुपये का यह अबतक का सबसे नीचा स्तर है। देश इस वक्त कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और रुपये की गिरावट की दोहरी मार झेल रहा है। ऐसे में आम आदमी के मासिक बजट पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? रुपये की गिरती कीमतें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आम लोगों का बजट बिगाड़ सकती हैं। यह भी पढ़ेेंः- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रुपये में ऐतिहासिक गिरावट, इतना महंगा हुआ डॉलर
किराने का बिल
भारत क्रूड ऑयल, उर्रवरक, दवाएं और कच्चे लोहे का बड़ी मात्रा में आयात करता है। रुपये कमजोर होने से इनकी कीमतें बढ़ेंगी। हालांकि ये रोज के इस्तेमाल की चीज़ें नहीं है लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से ये आपका बजट बिगाड़ेगी। इसके अलावा दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे- साबुन, डिटर्जेंट, परफ्यूम, और शैम्पू की कीमतें बढ़ सकती हैं। दालें और खाद्य तेज भी महंगे हो सकते हैं क्योंकि भारत इनका बड़ी मात्रा में आयात करता है।
विदेशों में पढ़ाई
रुपये कमजोर होने से विदेशों में पढ़ाई महंगी हो जाएगी। रहने और यात्रा का खर्च तो डॉलर में ही होगा लेकिन उनका भार रुपये में चुकाना पडे़गा। जिन छात्रों ने एजुकेशन लोन लिया है उन्हें भी मुसीबत हो सकती है क्योंकि ज्यादातर लोन रुपये में होते हैं।
जॉब और सैलरी पर असर
रुपया गिरने से पे चेक की कीमतें भी घटती हैं। ऐसे में जो इंडस्ट्री आयात करती हैं उनका प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ जाता है। ऐसे में कीमतें कम करने के लिए मुफीद तरीका होता है मानव संसाधन कम करना। इससे लोगों की नौकरी जा सकती है या उनकी सैलरी में कटौती हो सकती है।
विदेशों में छुट्टियां बिताना
रुपये की कीमतों में गिरावट घुमंतुओं के लिए बेहद बुरी खबर है। रुपये की गिरावट का असर एयर फेयर, होटल टैरिफ, शॉपिंग और खाने पर पड़ेगा। हालांकि अगर आपने रुपये में गिरावट से पहले ही सारी बुकिंग कर ली है तो इसका असर नहीं होगा। हालाकि इससे घरेलू पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। लोगों विदेशों की बजाए कश्मीर, केरल और गोवा का रुख करेंगे।
ऑटोमोबाइल सेक्टर
रुपये की गिरती कीमतें ऑटोमोबाइल सेक्टर पर देखने को मिलेगा। सभी ऑटो कंपनियां अपनी कारों की कीमतें बढ़ा सकती हैं। दरअसल, अधिकांश कंपनयिां विदेशों से ही कलपुर्जे मंगाती हैं। इसके अलावा विदेशी पैरेंट कंपनियों को रॉयल्टी भी डॉलर में अदा करनी पड़ती है। इस वजह कीमतें बढ़ाना ऑटोमोबाइल कंपनियों की मजबूरी है।
मनोरंजन
आयातित पेपरबैक, आपका पसंदीदा पिज्जा और लैपटॉप भी महंगा हो जाएगा। कंम्प्यूटर, टेलीविजन, मोबाइल इत्यादि इलेक्ट्रॉनिक सामान भी महंगे हो जाएंगे। विदेशी रेस्टोरेंट चेन भी अगर कीमतें नहीं बढ़ाएंगे तो उनके मुनाफे पर असर पड़ेगा।
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