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होटल अशोक को पट्टे पर निजी हाथों में दिया जाएगा, आईटीडीसी के 7 होटल बाजार पर चढ़ाने की तैयारी

By भाषा | Updated: August 24, 2021 20:42 IST

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देश की राजधानी के पांच सितारा होटल ‘द अशोक’ को निजी कंपनियों को पट्टे पर देने की योजना है। सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों का पूरी क्षमता के इस्तेमाल करने की महत्वकांक्षी मौद्रिकरण योजना के तहत यह कदम उठाया जा रहा है।बुनियादी ढांचे के वित्त पोषण के लिये सार्वजनिक संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने की रूपरेखा राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) में ‘द अशोक’ और उसके समीप स्थित सम्राट होटल समेत आईटीडीसी की आठ संपत्तियों को शामिल किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एनएमपी जारी किया। पर्यटन मंत्रालय के अधीन आने वाला भारतीय पर्यटन विकास निगम लि. (आईटीडीसी) सार्वजनिक उपक्रम है। यह देश में विभिन्न स्थानों पर पर्यटकों के लिये होटल, रेस्तरां का परिचालन करने के साथ परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराता है। आईटीडीसी की संपत्ति में अशोक समूह के तहत चार होटल, चार संयुक्त उद्यम होटल, यात्रा और पर्यटन बुनियादी ढांचे का हिस्सा सात परिवहन इकाइयां, बंदरगाहों पर 14 शुल्क मुक्त दुकानें, एक ध्वनि और प्रकाश प्रदर्शन तथा चार खानपान केंद्र शामिल हैं। मौद्रीकरण योजना के तहत आईटीडीसी रांची स्थित होटल रांची अशोक और पुरी में होटल नीलाचल में हिस्सेदारी बेचेगी। नयी दिल्ली स्थित होटल अशोक को पट्टे पर दिया जाएगा। जबकि होटल सम्राट को परिचालन एवं रखरखाव समझौते के तहत निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा। पुडुचेरी में पांडिचेरी अशोक होटल को संयुक्त रूप से पट्टे पर देकर बाजार पर चढ़ाया जाएगा। वहीं भुवनेश्वर में होटल कलिंग अशोक तथा जम्मू में जम्मू अशोक होटल के मामले में परिचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) माडॅल अपनाया जाएगा।मालिकाना हक स्थानांतरण के साथ आईटीडीसी के आनंदपुर साहिब होटल का निजीकरण किया जाएगा। एनएमपी दस्तावेज के अनुसार, ‘‘आईटीडीसी के सभी आठ होटल को वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 के दौरान बाजार में चढ़ाने के लिये विचार किया गया है। इसके तहत संपत्ति के स्तर पर उचित जांच-परख के तहत लंबी अवधि के पट्टे, विनिवेश, लंबी अवधि के ओएमटी अनुबंध मॉडल पर मामला दर मामला आधार पर विचार किया जा सकता है।’’ दस्तावेज में कहा गया है कि अशोक समूह के होटल आईटीडीसी के तहत प्रमुख होटल श्रृंखला है। इसका ब्रांड मूल्य पिछले 40-50 वर्ष में विकसित हुआ है और विभिन्न मंत्रालयों तथा सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा आयोजित सभी सरकारी कार्यक्रमों के लिए केंद्रीय मंच रहा है। अशोक समूह के ब्रांड मूल्य का लाभ उठाया जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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