एक जनवरी, 2025 से लागू, स्तर-1, स्तर-2 और स्तर-3 वेतनभोगी कर्मचारियों के वेतन में बदलाव, जानें प्रति घंटे वेतन में क्या बढ़ोतरी?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 3, 2025 17:43 IST2025-11-03T17:41:40+5:302025-11-03T17:43:05+5:30
अधिसूचना में जिलों को सामाजिक-आर्थिक और विकासात्मक अंतर को ध्यान में रखते हुए तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

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चंडीगढ़ःहरियाणा सरकार ने राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्ड, निगमों और सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत अंशकालिक एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में संशोधन किया है। संशोधित वेतन ढांचा एक जनवरी, 2025 से प्रभावी होगा। हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, यह निर्णय विभिन्न विभागों और संगठनों की ओर से प्राप्त कई मांगों के बाद लिया गया है जिनमें इन कर्मचारियों का पारिश्रमिक बढ़ाने की मांग की गई थी। अधिसूचना में जिलों को सामाजिक-आर्थिक और विकासात्मक अंतर को ध्यान में रखते हुए तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
प्रत्येक श्रेणी के अंतर्गत विभिन्न स्तर के श्रमिकों के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित की गई हैं। श्रेणी-1 जिलों में स्तर-1 के श्रमिकों को अब 19,900 रुपये मासिक, 765 रुपये प्रतिदिन और 96 रुपये प्रति घंटे का वेतन मिलेगा। स्तर-2 पर यह क्रमशः 23,400 रुपये मासिक, 900 रुपये प्रतिदिन और 113 रुपये प्रति घंटे होगा।
जबकि स्तर-3 पर 24,100 रुपये मासिक, 927 रुपये प्रतिदिन और 116 रुपये प्रति घंटे वेतन तय किया गया है। श्रेणी-2 जिलों में स्तर-1 के श्रमिकों का मासिक वेतन 17,550 रुपये, दैनिक वेतन 675 रुपये और प्रति घंटा दर 84 रुपये होगी। स्तर-2 पर यह 21,000 रुपये मासिक, 808 रुपये दैनिक और 101 रुपये प्रति घंटा रहेगा। स्तर-3 के लिए 21,700 रुपये मासिक, 835 रुपये दैनिक और 104 रुपये प्रति घंटे की दरें तय की गई हैं। श्रेणी-3 जिलों में संशोधित दरें स्तर-1 के लिए 16,250 रुपये मासिक, 625 रुपये दैनिक और 78 रुपये प्रति घंटा रहेंगी।
स्तर-2 पर 19,800 रुपये मासिक, 762 रुपये दैनिक और 95 रुपये प्रति घंटा, जबकि स्तर-3 पर 20,450 रुपये मासिक, 787 रुपये दैनिक और 98 रुपये प्रति घंटा वेतन तय किया गया है। राज्य सरकार का कहना है कि यह वेतन संशोधन विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को बढ़ती लागत और क्षेत्रीय असमानताओं के अनुरूप उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है।
अक्टूबर में दफ्तरों की नौकरी में नौ प्रतिशत की गिरावट: रिपोर्ट
देश में कार्यालयों की भर्ती गतिविधियों में अक्टूबर में सालाना आधार पर नौ प्रतिशत की गिरावट आई। सोमवार को जारी नौकरी जॉबस्पीक सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार दिवाली-दशहरा के त्योहारों के कारण नियुक्ति गतिविधियों में अस्थायी रूप से कमी आने के कारण ऐसा हुआ। नौकरी जॉबस्पीक एक मासिक सूचकांक है, जो भारतीय नौकरी बाजार और भर्ती गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करता है।
इसे नौकरी डॉट कॉम के ‘रिज्यूमे डेटाबेस’ पर भर्ती करने वालों द्वारा नौकरी की सूचना देने और नौकरी से संबंधित खोजों के आधार पर तैयार किया जाता है। इसमें कहा गया कि त्योहारी सत्र के कारण व्यापक सुस्ती देखी गई, लेकिन लेखा तथा वित्त (15 प्रतिशत), शिक्षा (13 प्रतिशत) और बीपीओ/आईटीईएस (छह प्रतिशत) जैसे क्षेत्रों ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की।
रिपोर्ट में कहा गया कि शिक्षा क्षेत्र की नियुक्तियों में वृद्धि नए और स्टार्टअप नियुक्तियों से प्रेरित थी। इसमें हैदराबाद (47 प्रतिशत), चेन्नई (34 प्रतिशत) और बेंगलुरु (31 प्रतिशत) का विशेष योगदान था। इसमें कहा गया कि एआई/एमएल (कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग) भूमिकाओं में पेशेवरों की मांग में भी लगातार वृद्धि जारी रही।
इसमें सालाना आधार पर 33 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई। हालांकि, अग्रणी आईटी (15 प्रतिशत) और बैंकिंग (24 प्रतिशत) जैसे क्षेत्रों में भर्ती गतिविधियों में कमी आई। रिपोर्ट से यह भी पता चला कि इस महीने आईटी यूनिकॉर्न के भीतर नियुक्ति गतिविधियां स्थिर रही।
नौकरी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी पवन गोयल ने कहा, ''एक ही महीने में दिवाली और दशहरा जैसे प्रमुख त्योहारों के होने से अक्टूबर में भर्तियों में नरमी अपेक्षित थी। उत्साहजनक बात है कि शिक्षा और बीपीओ क्षेत्र अपनी वृद्धि गति को बनाए हुए हैं।''