जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों का राज्य सहकारी बैंकों के साथ विलय को लेकर दिशानिर्देश जारी

By भाषा | Updated: May 24, 2021 20:23 IST2021-05-24T20:23:52+5:302021-05-24T20:23:52+5:30

Guidelines issued for merger of District Central Cooperative Banks with State Cooperative Banks | जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों का राज्य सहकारी बैंकों के साथ विलय को लेकर दिशानिर्देश जारी

जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों का राज्य सहकारी बैंकों के साथ विलय को लेकर दिशानिर्देश जारी

मुंबई, 24 मई रिजर्व बैंक ने सोमवार को जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) का राज्य सहकारी बैंकों (एससीबी) के साथ विलय को लेकर दिशानिर्देश जारी करते हुये कहा कि विभिन्न शर्तों के साथ इस पर विचार किया जा सकता है बशर्ते कि इस संबंध में संबंधित राज्य सरकार द्वारा ही प्रस्ताव भेजा गया हो।

एससीबी और डीसीसीबी के लिये एक अप्रैल 2021 से बैंकिंग नियमन (संशोधन) कानून 2020 को अधिसूचित कर दिया गया है। इन बैंकों के विलय को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मंजूरी दी जानी जरूरी है।

रिजर्व बैंक ने इस संबंध में दिशानिर्देशों को तब जारी किया जब कुछ राज्य सरकारों ने डीसीसीबी का एससीबी के साथ विलय को लेकर प्रस्ताव किये हैं।

दिशानिर्देशों के मुताबिक रिजर्व बैंक इस संबंध में विलय प्रस्ताव पर तभी विचार करेगा, ‘‘जब राज्य की सरकार राज्य के एक अथवा एक से अधिक जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को राज्य सहकारी बैंक में विलय के लिये प्रस्ताव भेजेगी। यह प्रस्ताव कानूनी ढांचे के व्यापक अध्ययन के बाद भेजा जाना चाहिये।’’

रिजर्व बैंक के मुताबिक इसके अलावा विलय के बाद बैंक में जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त पूंजी डाले जाने को लेकर रणनीति, आवश्यकता पड़ने पर वित्तीय समर्थन का आश्वासन, मुनाफे को लेकर स्पष्ट व्यावसायिक रूपरेखा और बैंक के संचालन मॉडल का प्रस्ताव सामने आना चाहिये।

सहकारी बैंकों के आपस में एकीकरण की योजना को शेयरधारकों के जरूरी बहुमत से मंजूरी प्राप्त होनी चाहिये। इसके साथ ही नाबार्ड को राज्य सरकार के प्रस्ताव का परीक्षण करना चाहिये और उसकी आगे सिफारिश करनी होगी।

दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘‘डीसीसीबी का एससीबी के साथ एकीकरण के प्रस्ताव पर रिजर्व बैंक द्वारा नाबार्ड के साथ विचार विमर्श के साथ जांच परख की जायेगी और प्रस्ताव को मंजूरी देने का काम द्विस्तरीय प्रक्रिया होगी। ’’

पहले स्तर पर शर्तों को पूरा करने के बाद ‘सैद्धांतिक मंजूरी’ दी जायेगी। इसके बाद सभी पक्षों की ओर से विलय अथवा एकीकरण की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि पहले चरण को पूरा करने के बाद अनुपालन रिपोर्ट के साथ नाबार्ड और आरबीआई के पास अंतिम मंजूरी के लिये पहुचना होगा।

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Web Title: Guidelines issued for merger of District Central Cooperative Banks with State Cooperative Banks

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