विलासिता-नुकसानदेह वस्तुओं पर 40 प्रतिशत जीएसटी?, बदलाव से कपड़ा, उर्वरक, नवीकरणीय ऊर्जा, मोटर वाहन, हस्तशिल्प, कृषि, स्वास्थ्य एवं बीमा को सबसे अधिक लाभ, जानें डिटेल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 15, 2025 20:25 IST2025-08-15T20:24:20+5:302025-08-15T20:25:15+5:30

विलासिता और नुकसानदेह वस्तुओं पर लागू 28 प्रतिशत की उच्चतम कर दर जीएसटी राजस्व में 11 प्रतिशत का योगदान देती है, जबकि 12 प्रतिशत की दर राजस्व में केवल पांच प्रतिशत का योगदान देती है।

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Highlightsकुल जीएसटी संग्रह में सात प्रतिशत का योगदान है।मौजूदा दरों के अनुरूप ही कर लगाया जाता रहेगा।वस्तु या सेवा पर अधिकतम 40 प्रतिशत कर ही लगाया जा सकता है।

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की संशोधित व्यवस्था में पांच प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत वाली सिर्फ दो कर दरों का ही प्रस्ताव रखा है जिसके दिवाली तक लागू हो जाने का अनुमान है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह को अपना यह प्रस्ताव भेजा है। इसमें 12 और 28 प्रतिशत की मौजूदा कर दरों को हटा दिया गया है। वहीं, संशोधित जीएसटी व्यवस्था में दो कर स्लैब के अलावा विलासिता एवं नुकसानदेह वस्तुओं के लिए 40 प्रतिशत की एक विशेष दर रखने का प्रस्ताव रखा गया है।

अब मंत्रियों का समूह इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगा और उसके आधार पर अपनी अनुशंसा जीएसटी परिषद के समक्ष रखेगा। जीएसटी परिषद की बैठक अगले महीने होने की उम्मीद है। फिलहाल आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर शून्य प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है जबकि दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर पांच प्रतिशत, मानक वस्तुओं पर 12 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों एवं सेवाओं पर 18 प्रतिशत और विलासिता एवं नुकसानदेह वस्तुओं पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।

सूत्रों ने बताया कि इस साल दिवाली तक मौजूदा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की जगह लेने के लिए तैयार इस संशोधित प्रारूप में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो कर दरें ही प्रस्तावित की गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन के दौरान दिवाली तक जीएसटी दरों में काफी कमी किए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे आम लोगों और छोटे एवं मझोले उद्योगों को राहत मिलेगी।

जीएसटी से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था जीएसटी परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद मौजूदा 12 प्रतिशत कर स्लैब में शामिल 99 प्रतिशत वस्तुएं पांच प्रतिशत कर स्लैब में आ जाएंगी। इसी तरह, फिलहाल 28 प्रतिशत कर के दायरे में आने वालीं लगभग 90 प्रतिशत वस्तुएं एवं सेवाएं नई व्यवस्था के तहत 18 प्रतिशत कर दर में स्थानांतरित हो जाएंगी।

सूत्रों ने बताया कि 40 प्रतिशत कर की विशेष दर केवल सात वस्तुओं पर लगाई जाएगी। तंबाकू उत्पाद भी इसी दर के अंतर्गत रखे जाएंगे लेकिन कराधान की कुल दर मौजूदा 88 प्रतिशत पर बनी रहेगी। ऑनलाइन गेमिंग को भी एक नुकसानदेह उत्पाद मानते हुए उसे 40 प्रतिशत कर के दायरे में ही रखने का प्रस्ताव है।

केंद्र के प्रस्ताव के मुताबिक, जीएसटी दर में बदलाव से आठ क्षेत्रों- कपड़ा, उर्वरक, नवीकरणीय ऊर्जा, मोटर वाहन, हस्तशिल्प, कृषि, स्वास्थ्य एवं बीमा को सबसे अधिक लाभ होगा। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि संशोधित जीएसटी से खपत को काफी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है और ऐसा होने पर दर संशोधन से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई हो जाएगी।

सूत्र ने तीसरी तिमाही की शुरुआत में इसके लागू हो जाने की उम्मीद जताते हुए कहा, "कर दरों में बदलाव से राजस्व में फर्क आएगा लेकिन उसकी भरपाई अगले कुछ महीनों में हो जाएगी।" एक जुलाई, 2017 से लागू मौजूदा जीएसटी ढांचे में केंद्रीय एवं राज्य शुल्कों को मिला दिया गया था। इस अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत सबसे अधिक 65 प्रतिशत कर संग्रह 18 प्रतिशत कर से होता है।

विलासिता और नुकसानदेह वस्तुओं पर लागू 28 प्रतिशत की उच्चतम कर दर जीएसटी राजस्व में 11 प्रतिशत का योगदान देती है, जबकि 12 प्रतिशत की दर राजस्व में केवल पांच प्रतिशत का योगदान देती है। दैनिक उपभोग की आवश्यक वस्तुओं पर सबसे कम पांच प्रतिशत कर लगता है।

जिसका कुल जीएसटी संग्रह में सात प्रतिशत का योगदान है। सूत्रों ने कहा कि हीरे एवं कीमती पत्थरों जैसे उच्च श्रम-प्रधान एवं निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों पर मौजूदा दरों के अनुरूप ही कर लगाया जाता रहेगा। जीएसटी अधिनियम के तहत किसी भी वस्तु या सेवा पर अधिकतम 40 प्रतिशत कर ही लगाया जा सकता है।

Web Title: gst tax 40 percent luxury-harmful goods Textiles, fertilizers, renewable energy, motor vehicles, handicrafts, agriculture, health and insurance benefit most change know details

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