केंद्र, आंध्र प्रदेश के जीएसटी अधिकारियों ने राजस्व नुकसान पर अंकुश लगाने के उपायों पर चर्चा की
By भाषा | Updated: July 29, 2021 20:14 IST2021-07-29T20:14:33+5:302021-07-29T20:14:33+5:30

केंद्र, आंध्र प्रदेश के जीएसटी अधिकारियों ने राजस्व नुकसान पर अंकुश लगाने के उपायों पर चर्चा की
अमरावती, 29 जुलाई आंध्र प्रदेश और केंद्र सरकार के जीएसटी (माल एवं सेवा कर) अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यहां बैठक कर समन्वित प्रयासों और सूचना साझा करके राजस्व नुकसान पर लगाम लगाने के उपायों पर चर्चा की।
अधिकारियों ने उन मामलों खासकर 5 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों पर नजर रखने और कार्रवाई करने की कार्य योजना बनायी, जहां जीएसटी रिटर्न नहीं भरे जा रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद से पिछले चार साल में, राजस्व नुकसान के प्रमुख कारकों में फर्जी बिल के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) से संबंधित गलत दावे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन फर्जी बिलों के स्रोतों और झूठे आईटीसी के दावेदारों की पहचान करने के लिए राज्य तथा केंद्रीय कर विभागों के बीच समन्वय महत्वपूर्ण है।
बैठक की अध्यक्षता करने वाले विशेष मुख्य सचिव (राजस्व-वाणिज्यिक कर) रजत भार्गव ने कहा, ‘‘बैठक में इन सभी मुद्दों पर गहन चर्चा की गई और आंकड़े साझा करने, खुफिया जानकारी, आदेश, संयुक्त जांच, विभिन्न क्षेत्रों का निश्चित समयावधि पर विश्लेषण के तौर-तरीकों पर निर्णय किये गये।’’
उन्होंने कहा कि जीएसटी रिटर्न चूककर्ताओं, कर बकाया संग्रह और अदालती मामलों पर नजर रखने की भी आवश्यकता है।
भार्गव ने कहा, ‘‘जीएसटी कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्य के कर विभागों के बीच बेहतर तालमेल आवश्यक है। अधिक राजस्व से जुड़े मामलों, कानूनी विश्लेषण और जहां केंद्र तथा राज्य के अधिकारियों द्वारा अलग-अलग रुख अपनाये जाते हैं, उन मामलों को हल करने के लिए एक समान दृष्टिकोण की भी आवश्यकता है।’’
बैठक में राज्य और केंद्र के अधिकारियों ने विशेष रूप से वस्तुओं तथा सेवाओं में कर चोरों के तौर-तरीकों से संबंधित जानकारी साझा करने का निर्णय किया।
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