पैसे की बारिश, जीएसटी संग्रह जुलाई में 7.5 प्रतिशत बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये, देखिए आंकड़े

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 2, 2025 14:58 IST2025-08-02T14:57:33+5:302025-08-02T14:58:36+5:30

जुलाई, 2025 में शुद्ध जीएसटी राजस्व सालाना आधार पर 1.7 प्रतिशत बढ़कर 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा।

GST collection increased by 7-5 percent Rs 1-96 lakh crore in July see figures Rain of money | पैसे की बारिश, जीएसटी संग्रह जुलाई में 7.5 प्रतिशत बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये, देखिए आंकड़े

सांकेतिक फोटो

Highlightsआयात से कर प्राप्ति 9.5 प्रतिशत बढ़कर 52,712 करोड़ रुपये। जीएसटी रिफंड सालाना आधार पर 66.8 प्रतिशत बढ़कर 27,147 करोड़ रुपये हो गया।समग्र रुझान स्थिर उपभोग प्रतिरूप और अर्थव्यवस्था के निरंतर वृद्धि को बताता है।

नई दिल्लीः सकल जीएसटी संग्रह जुलाई में 7.5 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.96 लाख करोड़ रुपये रहा। मुख्य रूप से घरेलू राजस्व में वृद्धि के कारण जीएसटी संग्रह बढ़ा है। पिछले साल जुलाई में सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1.82 लाख करोड़ रुपये था। जून में यह 1.84 लाख करोड़ रुपये था। सकल घरेलू राजस्व 6.7 प्रतिशत बढ़कर 1.43 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात से कर प्राप्ति 9.5 प्रतिशत बढ़कर 52,712 करोड़ रुपये रही। जीएसटी रिफंड सालाना आधार पर 66.8 प्रतिशत बढ़कर 27,147 करोड़ रुपये हो गया।

जुलाई, 2025 में शुद्ध जीएसटी राजस्व सालाना आधार पर 1.7 प्रतिशत बढ़कर 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा। ईवाई इंडिया में कर साझेदार सौरभ अग्रवाल ने कहा कि कुछ वैश्विक दबावों और अस्थायी गिरावट के बावजूद, समग्र रुझान स्थिर उपभोग प्रतिरूप और अर्थव्यवस्था के निरंतर वृद्धि को बताता है।

अग्रवाल ने कहा, “सरकार की समय पर रिफंड प्रक्रिया भी कंपनियों के लिए एक बड़ी मदद है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उनके पास आवश्यक कार्यशील पूंजी उपलब्ध है।” डेलॉइट इंडिया के साझेदार एमएस मणि ने कहा कि जुलाई में घरेलू रिफंड पिछले साल के इसी महीने की तुलना में दोगुने से अधिक हो गए हैं और चालू वर्ष के दौरान रिफंड में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मणि ने कहा, “बड़े उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों में राजस्व में वृद्धि बहुत कम रही है। यह दो प्रतिशत (दिल्ली), तीन प्रतिशत (गुजरात), चार प्रतिशत (राजस्थान), छह प्रतिशत (महाराष्ट्र), सात प्रतिशत (कर्नाटक) और आठ प्रतिशत (तमिलनाडु) के बीच रही है।

पंजाब और हरियाणा, पश्चिम बंगाल (12 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (14 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश (18 प्रतिशत) जैसे कुछ राज्य अच्छे परिणाम दे रहे हैं।” प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के साझेदार प्रतीक जैन ने कहा कि पिछले महीने भी धीमी वृद्धि के बाद, जीएसटी परिषद अगली बैठक में राजस्व बढ़ाने के संभावित उपायों पर चर्चा कर सकती है। उन्होंने कहा, “क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के साथ, राज्य जीएसटी संग्रह में नरमी को लेकर भी अधिक चिंतित हो सकते हैं।” 

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