सरकार ने 12 लाख टन जीएम सोया खल आयात के लिए मानदंडों में ढील दी
By भाषा | Published: August 24, 2021 09:32 PM2021-08-24T21:32:50+5:302021-08-24T21:32:50+5:30
सरकार ने मंगलवार को, पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल होने वाले 12 लाख टन आनुवंशिक रूप से संशोधित तेल रहित सोया खली के आयात के लिए, नियमों में ढील दी है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से किसानों, मुर्गीपालकों और मछुआरों को फायदा होगा। मंत्रालय ने कहा है, ‘‘आयात नीति में ... अब 31 अक्टूबर, 2021 तक न्हावा शेवा पोर्ट और एलसीएस पेट्रापोल से 12 लाख टन ‘पिसी एवं तेल रहित जीएम सोया केक’ (केवल गैर-जीवित अंश) के आयात की अनुमति देने के लिए, ढील दी गई है। यह ढील 31 अक्टूबर, 2021 तक या किसी अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) तक रहेगी।’’ यह छूट पर्यावरण मंत्रालय से स्पष्टीकरण और पूर्व अनुमति के बाद दी गई है कि चूंकि सोया डी-ऑयल एंड क्रश (डीओसी) खली में कोई जीवित संशोधित जीव नहीं है, इसलिए इस तरह के आयात पर कोई आपत्ति नहीं है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि 12 लाख टन की आयात मात्रा से अधिक का आयात न हो, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा संबंधित बंदरगाहों पर सीमा शुल्क अधिकारियों के माध्यम से कड़ी निगरानी रखी जाएगी। यह आयात आवश्यक है क्योंकि सोयामील की आसमान छूती कीमतों ने पशुओं के चारे को महंगा कर दिया है, जिससे पोल्ट्री, डेयरी और एक्वा उद्योग से जुड़े किसान प्रभावित हुए हैं।
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