सरकार ने दिसंबर तक रिफाइंड पामतेल पर पर आयात बाधाओं को हटाया
By भाषा | Updated: June 30, 2021 22:42 IST2021-06-30T22:42:24+5:302021-06-30T22:42:24+5:30

सरकार ने दिसंबर तक रिफाइंड पामतेल पर पर आयात बाधाओं को हटाया
नयी दिल्ली, 30 जून सरकार ने बुधवार को इस साल 31 दिसंबर तक रिफाइंड पाम तेल पर आयात प्रतिबंध हटा दिया है। सरकार की इस पहल ये घरेलू बाजार में खाद्यतेल की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों में कमी लाने में मदद मिल सकती है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की एक अधिसूचना के अनुसार, रिफाइंड ब्लीचड डियोडोराइज़्ड पॉमतेल और रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज़्ड पामोलिन की ‘आयात नीति’ को तत्काल प्रभाव से और 31 दिसंबर, 2021 तक की अवधि के लिए प्रतिबंधित से मुक्त करने के लिए संशोधित किया गया है।’’
हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि केरल में किसी भी बंदरगाह के माध्यम से आयात की अनुमति नहीं है।
प्रतिबंधित श्रेणी के तहत, एक आयातक को आयातित तेल की खेप मंगाने के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस या अनुमति प्राप्त करनी होती है।
सरकार ने मंगलवार को कच्चे पाम तेल पर मूल सीमा शुल्क को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया।
रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पाम ऑयल को कच्चे पामतेल को रिफाइन करके बनाया जाता है।
विश्व में वनस्पति तेलों का सबसे बड़ा आयातक देश, भारत सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन तेल खरीदता है। इसमें से पामतेल की मात्रा 90 लाख टन और बाकी 60 लाख टन सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल होता है।
इंडोनेशिया और मलेशिया दो ऐसे देश हैं जो पाम तेल की आपूर्ति करते हैं।
घरेलू खाद्य तेल की कीमतें पिछले एक साल में दोगुने से ज्यादा हो गई हैं। भारत अपनी खाद्य तेल की मांग का लगभग दो-तिहाई आयात के माध्यम से पूरा करता है।
उद्योग निकाय एसईए के आंकड़ों के अनुसार, कच्चे पाम तेल के अधिक आयात होने के कारण, भारत के पामतेल का आयात मई 2021 में 48 प्रतिशत बढ़कर 7,69,602 टन हो गया।
दुनिया के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार भारत ने मई 2020 में 4,00,506 टन पाम तेल का आयात किया था।
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