नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को ये स्पष्ट किया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित क्रिप्टोकरेंसी पेश करने की कोई योजना नहीं है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि इस समय देश में क्रिप्टोकरेंसी अनियमित है और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) क्रिप्टोकरेंसी जारी नहीं करता है।
बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी के भ्रामक और गैर पारदर्शी विज्ञापनों और रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनाने को लेकर लोकसभा सांसद रतनलाल कटारिया ने सवाल पूछा था। इसके जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि सरकार और आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने वाले निवेशकों व उपभोक्ताओं को समय-समय पर आर्थिक नुकसानों के साथ जोखिमों को लेकर सावधान करती रही है। इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेग्यलेटरी अथॉरिटी बनाने की संभावना को उन्होंने खारिज कर दिया।
इसके अलावा वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने साइबर अपराधियों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया है और धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत ईडी जिन मामलों की जांच कर रहा है उनमें पता चलता है कि आरोपियों ने वर्चुअल मुद्रा के माध्यम से काले धन को सफेद बनाने का काम किया।
उन्होंने कहा था, "प्रवर्तन निदेशालय पीएमएलए, 2002 के तहत सात मामलों में जांच कर रहा है जिनमें धन शोधन के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया गया है।" मंत्री ने कहा कि ईडी ने इन मामलों में पीएमएलए के तहत 135 करोड़ रुपये की राशि जब्त की है। इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त लोगों की पहचान के सवाल पर चौधरी ने कहा कि अभी तक ईडी द्वारा कराई गयी जांच से खुलासा हुआ है कि कुछ विदेशी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों ने कुछ मुद्रा विनिमय प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टोकरेंसी खातों के जरिये धन शोधन किया।