लाइव न्यूज़ :

सरकार ने कपड़ा निर्यातकों के लिये करों, शुल्कों में छूट योजना आगे जारी रखने को मंजूरी दी

By भाषा | Updated: July 14, 2021 16:42 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 14 जुलाई सरकार ने बुधवार को कपड़ा निर्यात के लिये राज्य और केंद्रीय करों तथा शुल्कों में छूट (आरओएससीटीएल) योजना मार्च, 2024 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी। इससे कपड़ा निर्यातकों को उनके निर्यात पर केंद्रीय और राज्य करों पर छूट पहले की तरह मिलती रहेगी।

इस पहल का मकसद श्रम गहन कपड़ा क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में आरओएससीटीएल योजना जारी रखने को मंजूरी दी। यह मंजूरी उसी समान दर पर दी गयी है जिसकी अधिसूचना कपड़ा मंत्रालय ने परिधान निर्यात और मेड अप (चादर, कंबल, कालीन आदि) निर्यात के लिये जारी की थी।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘योजना 31 मार्च, 2024 तक जारी रहेगी। इससे निर्यात और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।’’

जो क्षेत्र इस योजना के दायरे में आएंगे, उन्हें निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों से छूट (आरओडीटीईपी) योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय द्वारा तैयार नियम के अनुसार जो कपड़ा उत्पाद आओएससीटीएल योजना के अंतर्गत नहीं आएंगे, वे अन्य उत्पादों के साथ आरओडीटीईपी योजना का लाभ लेने के लिये पात्र होंगे।

योजना का क्रियान्वयन राजस्व विभाग करेगा। आओएसीसीटीएल योजना को जारी रखने और उसके क्रियान्वयन के बारे में कपड़ा मंत्रालय राजस्व विभाग के परामर्श से संशोधित दिशानिर्देश जारी करेगा।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘कपड़ा/परिधान और मेड-उप के लिये आरओएससीटीएल जारी रखने से करों और शुल्कों पर छूट से ये उत्पाद वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी हो सकेंगे...।’’

इस योजना के तहत, निर्यातकों को निर्यात किए गए उत्पाद में निहित करों और शुल्क के मूल्य के लिए एक ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप (बीजक या पर्ची) जारी की जाती है। निर्यातक इस बीजक का उपयोग उपकरण, मशीनरी या किसी अन्य कच्चे माल के आयात के लिए मूल सीमा शुल्क का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं।

इन बीजकों का व्यापार किया जा सकता है। यानी, यदि निर्यातक को अपने निजी उपयोग के लिए इसकी आवश्यकता नहीं है, तो वे इसे किसी अन्य आयातक को हस्तांतरित कर सकते हैं।

इससे पहले, आरओएससीटीएल योजना के तहत परिधान के लिए छूट की अधिकतम दर 6.05 प्रतिशत थी जबकि मेड-अप के लिए यह 8.2 प्रतिशत तक थी।

इस निर्णय के बारे में कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने कहा कि योजना को आगे बढ़ाये जाने से निर्यातकों को सभी कर प्राप्त करने और उत्पादों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह योजना क्षेत्र में सकारात्मक भावनाओं को वापस लाने और भारतीय कपड़ा मूल्य श्रृंखला को अगले तीन साल में 100 अरब डॉलर का सालाना निर्यात हासिल करने में मदद करेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अपने पांच बच्चों के साथ फांसी के फंदे से झूल गया अमरनाथ राम, तीन की मौत, दो की बच गई जान

बॉलीवुड चुस्कीपलक तिवारी का सिंड्रेला लुक हुआ वायरल, बार्बी डॉल से से कंपेयर करने लगे फैंस, देखें तस्वीरें

क्रिकेटIND vs SA: भारत को बड़ा झटका, अक्षर पटेल साउथ अफ्रीका के खिलाफ बाकी T20I सीरीज़ से बाहर, BCCI ने रिप्लेसमेंट का नाम बताया

कारोबारGold Price Record High: निवेशकों में हड़कंप, सोना ₹1.37 लाख प्रति 10 ग्राम

भारतMaharashtra Local Body Elections 2026 Dates Announced: 29 निकाय, 2,869 सीट, 3.48 करोड़ मतदाता, 15 जनवरी को मतदान और 16 जनवरी 2026 को मतगणना

कारोबार अधिक खबरें

कारोबार30 नवंबर तक नए, मौजूदा और सेवानिवृत्त सहित कुल 122123 केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों ने यूपीएस को चुना

कारोबारअब तक 17.24 लाख टोकन से 87 लाख टन धान की खरीदी, किसानों  को 7 हजार 771 करोड़ रुपए का भुगतान 

कारोबारमनरेगा की जगह विकसित भारत-जी राम जी?, साल में 125 दिन रोजगार, कानून लाएगी केंद्र सरकार

कारोबारनवंबर में 19.37 प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब अमेरिकी डॉलर निर्यात, आयात 1.88 प्रतिशत घटकर 62.66 अरब अमेरिकी डॉलर

कारोबारआरएचएफएल में 2,965 और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश, अनिल अंबानी समूह मामले में यस बैंक के राणा कपूर से पूछताछ