लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार के लिए अच्छी खबर, भारत अत्यधिक गरीबी से निकला बाहर, यहां पढ़ें पूरी खबर

By आकाश चौरसिया | Published: March 2, 2024 04:02 PM2024-03-02T16:02:32+5:302024-03-02T16:25:07+5:30

अमेरिकी थिंक-टैंक, द ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन द्वारा प्रकाशित अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला और करण भसीन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में अत्याधिक गरीबी कम हो गई है। जारी उपभोग सर्वेक्षण पर आधारित आकलन में यह भी कहा कि शहरी और ग्रामीण गरीबी में अभूतपूर्व गिरावट आई है।

Good news for central Government before Lok Sabha elections India came out extreme poverty | लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार के लिए अच्छी खबर, भारत अत्यधिक गरीबी से निकला बाहर, यहां पढ़ें पूरी खबर

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsभारत अत्याधिक गरीबी से बाहर निकल गया हैअमेरिकी थिंक-टैंक द ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन की रिपोर्ट में यह बात सामने आईमोदी सरकार के लिए अच्छी खबर है

नई दिल्ली: हाल में आई रिपोर्ट में पता चला है कि भारत अत्याधिक गरीबी से बाहर आ गया है। इस बात को अमेरिकी थिंक-टैंक, द ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन द्वारा प्रकाशित अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला और करण भसीन ने अपनी रिपोर्ट में साझा किया है। जारी उपभोग सर्वेक्षण पर आधारित आकलन में यह भी कहा गया है कि शहरी और ग्रामीण गरीबी में अभूतपूर्व गिरावट आई है।

भल्ला और भसीन के मुताबिक, विश्व बैंक डेटा के अनुमान की तुलना में भारत में गरीब लोगों की संख्या काफी कम दिखती है। आम चुनाव 2024 से पहले केंद्र सरकार के लिए अच्छी खबर है। 

यह बात सरकार के अपने थिंक टैंक नीति आयोग के सीईओ बी वी आर सुब्रमण्यम के उस बयान के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि गरीबी 5 फीसद तक कम हो गई है, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग समृद्ध हो रहे हैं।

लेखकों ने द ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन द्वारा प्रकाशित टिप्पणी में कहा, "उच्च विकास और असमानता में बड़ी गिरावट ने मिलकर भारत में प्रति व्यक्ति, प्रति दिन (पीपीपी) 1.9 डॉलर की गरीबी रेखा (2011 की कीमतों पर) के लिए गरीबी को खत्म कर दिया है। हेडकाउंट गरीबी अनुपात (एचसीआर) यानी, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी का अनुपात 2011-12 में 12.2 फीसद से घटकर 2022-23 में 2 प्रतिशत हो गया है।

ग्रामीण और शहरी गरीबी घटी
ग्रामीण गरीबी 2.5 प्रतिशत थी, जबकि शहरी गरीबी घटकर 1 प्रतिशत रह गई। इन अनुमानों में सरकार द्वारा लगभग 2/3 आबादी को दिए जाने वाले मुफ्त भोजन (गेहूं और चावल) को ध्यान में नहीं रखा गया है, न ही सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा के उपयोग को ध्यान में रखा गया है"।

रिपोर्ट के मुताबिक, हेड काउंट अनुपात में गिरावट उल्लेखनीय है क्योंकि पहले ऐसे आंकड़ें देखने में करीब 30 साल का इंतजार करना पड़ा। अब 11 सालों में ऐसी बड़ी कामयाबी देखी गई। इसमें कहा गया है कि अत्यधिक गरीबी के लगभग उन्मूलन को देखते हुए, भारत को अब उच्च गरीबी रेखा पर पहुंचना चाहिए। वास्तविक गरीबों को अधिक समर्थन देने के लिए मौजूदा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को फिर से परिभाषित करने का अवसर प्रदान करेगा।

अर्थशास्त्री शमिका रवि ने एक ट्वीट में कहा, "भारत में अब अत्यधिक गरीबी समाप्त हो गई है। विश्व गरीबी घड़ी अपडेट से पता चलता है कि भारत की अत्यधिक गरीबी 3 प्रतिशत से कम है। यह हमारे जीवनकाल के सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक विकासों में से एक है"।

Web Title: Good news for central Government before Lok Sabha elections India came out extreme poverty

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