नई दिल्ली: उद्योगपति गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर मंगलवार, 18 जुलाई को अडानी समूह की बैठक में प्रतिक्रिया दी। गौतम अडानी ने कहा कि इस रिपोर्ट में जानबूझकर हमारी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
बता दें कि जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह को तगड़ा झटका लगा था और इसके शेयरों के भाव आसमान से जमीन पर आ गए थे। समय के साथ अडानी समूह इस झटके से धीरे-धीरे उबर रहा है लेकिन ये मामला बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बना था।
अडानी समूह की बैठक में गौतम अडानी कहा, "इस साल जब हम भारत के इतिहास में सबसे बड़े एफपीओ लाने की तैयारी कर रहे थे, तब अमेरिका में एक रिपोर्ट छपी। इस रिपोर्ट में गलत जानकारियां थीं और छवि ख़राब करने वाले आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट में ज़्यादातर आरोप 2004 से 2015 के बीच के थे। इन सारे आरोपों पर नियामकों ने तब फैसला ले लिया था। इस रिपोर्ट में जानबूझकर हमारी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।"
गौतम अडानी कहा कि अमेरिका की इस रिपोर्ट आने के बाद सोशल मीडिया पर एक झूठा माहौल बनाया गया, ग़लत खबरें चलाई गईं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी बनाई। इस कमेटी की रिपोर्ट मई 2023 में सार्वजनिक हुई। कमेटी के एक्सपर्ट्स ने किसी तरह की अनियमितता नहीं पाई।
बता दें कि वित्तीय शोध करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग ने 25 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। इसके अलावा रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक टैक्स हेवन देशों में अडानी परिवार की कई मुखौटा कंपनिया मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल मनी लांड्रिंग के लिए किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि बड़े पैमाने पर शेयरों को गिरवी रखकर कर्ज लिया गया। इस रिपोर्ट के आते ही भारतीय शेयर मार्केट में भूचाल आ गया और अडानी समूह के शेयर लुढ़क कर काफी नीचे आ गए। हालांकि अडानी समूह अब इस संकट से उबरता हुआ नजर आ रहा है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाकर रिपोर्ट देने के लिए कहा था। कमेटी ने जांच में कुछ भी गलत नहीं पाया था।