फ्रैंकलिन टेमपलटन मामला: न्यायालय ने सेबी को ई-वोटिंग के लिये पर्यवेक्षक नियुक्त करने को कहा

By भाषा | Updated: December 9, 2020 16:26 IST2020-12-09T16:26:57+5:302020-12-09T16:26:57+5:30

Franklin Templeton case: Court asks SEBI to appoint observer for e-voting | फ्रैंकलिन टेमपलटन मामला: न्यायालय ने सेबी को ई-वोटिंग के लिये पर्यवेक्षक नियुक्त करने को कहा

फ्रैंकलिन टेमपलटन मामला: न्यायालय ने सेबी को ई-वोटिंग के लिये पर्यवेक्षक नियुक्त करने को कहा

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को सेबी से कहा कि फ्रैंकलिन टेमपलटन की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने के बारे में दिसंबर के अंतिम सप्ताह में होने वाली ई-वोटिंग प्रक्रिया की निगरानी के लिये एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाये।

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसका तीन दिसंबर का वह आदेश अभी लागू रहेगा जिसमें उसने निर्देशित किया था कि फिलहाल यूनिट धारकों को उनके यूनिटों की धनराशि के भुगतान पर लगी रोक फिलहाल बनी रहेगी।

न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने इस निर्देश के साथ ही इस मामले को जनवरी के तीसरे सप्ताह के लिये सूचीबद्ध कर दिया है।

शीर्ष अदालत कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ फ्रैंकलिन टेमपलटन की अपील पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने निवेशकों की पूर्व सहमति के बगैर ही इन योजनाओं को बंद करने से फ्रैंकलिन टेमपलटन को रोक दिया था।

सुनवाई शुरू होते ही सेबी की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि इस मामले में सेबी द्वारा दायर अपील आज सूचीबद्ध नहीं हुयी है।

मेहता ने जब न्यायालय से अनुरोध किया कि सेबी की अपील एक दो दिन के भीतर सुनवाई के लिये सूचीबद्ध की जाये तो पीठ ने कहा, ‘‘हम इस मामले को जनवरी महीने में सूचीबद्ध कर सकते हैं।’’

फ्रैंकलिन टेमपलटन ने सात दिसंबर को कहा था कि उसने छह फिक्स्ड आय योजनाओं को व्यवस्थि तरीके से बंद करने के लिये यूनिट धारकों की सहमति मांगी है। उसका कहना था कि इसके लिये 26-28 दिसंबर को इलेक्ट्रानिक वोटिंग होगी और 29 दिसंबर को संबंधित योजनाओं के यूनिट धारकों की बैठक होगी।

न्यायायल ने तीन दिसंबर को फ्रैंकलिन टेमपलटन म्यूचुअल फंड से कहा था कि वह इन छह योजनाओं को बंद करने के लिये यूनिट धारकों की सहमति लेने के लिये एक सप्ताह में बैठक बुलाने के लिये कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू करे।

पीठ ने टिप्पणी की थी कि यह एक बड़ा मुद्दा है और लोग अपना पैसा वापस चाहते हैं।

न्यायालय ने पिछले सप्ताह अपने आदेश में कहा था, ‘‘इस दौरान, सभी पक्षकारों के हितों को प्रभावित किये बगैर ही ट्रस्टीज को यूनिट धारकों की सहमति लेने के लिये उनकी बैठक बुलाने की अनुमति दी जाती है। इस संबंध में आज से एक सप्ताह के भीतर आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।’’

सेबी ने न्यायालय से कहा था कि इन योजनाओ के समापन मे उसकी कोई भूमिका नहीं है लेकिन उसने इस संबंध में रिजर्व बैंक को लिखा था।

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 24 अक्टूबर ने कहा था कि इन छह योजनाओं को बंद करने का फ्रैंकलिन टेमपलटन ट्रस्टी सर्विसेज प्रा लिमिटेड का फैसला यूनिट धारकों की सहमति के बगैर लागू नहीं किया जा सकता।

इन छह योजनओं में फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड शामिल हैं।

फ्रैंकलिन टेमपलटन म्यूचुअल फंड ने बांड बाजार में तरलता के अभाव और बाजार के दबाव का हवाला देते हुये 23 अप्रैल को इन छह योजनाओं को बंद कर दिया था।

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Web Title: Franklin Templeton case: Court asks SEBI to appoint observer for e-voting

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