नयी दिल्ली, आठ दिसंबर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और नवोन्मेषण का स्वागत है, लेकिन इसके साथ ही देश की रक्षा और सुरक्षा भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय नवोन्मेषण को प्रोत्साहन दे रही है और देश की सुरक्षा को लेकर भी काफी सजग है।
प्रसाद ने मंगलवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2020 को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में भी आईटी और संचार क्षेत्रों ने सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है और सबसे ज्यादा एफडीआई भी हासिल किया है।
मंत्री ने कहा, ‘‘हम विदेशी निवेश के खिलाफ नहीं हैं। हम विदेशी नवोन्मेषी विचारों के खिलाफ भी नहीं हैं। सभी का स्वागत है। स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। विदेशी पूंजी का स्वागत है। विदेशी नवोन्मेषण का भी स्वागत है, लेकिन इसके साथ ही हमारा मानना है कि देश की सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल प्रौद्योगिकियां सुरक्षित होनी चाहिए जिससे निहित स्वार्थी तत्व या अलगाववादी उनका दुरुपयोग नहीं कर पाएं।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने हाल के महीनों में राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों का हवाला देकर टिकटॉक और यूसी ब्राउजर सही कई मोबाइल ऐप पर रोक लगाई है।
प्रसाद ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि एक तेज तर्रार 4जी नेटवर्क के सृजन को भारतीय ‘दिमाग’ के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध हो सके, जो 5जी नेटवर्क के ‘अगुवा’ के रूप में काम करे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को 5जी के लिए तैयार करने को लेकर काफी इच्छुक हैं। हम अच्छा नवप्रवर्तन चाहते हैं, भारतीयों के पास सभी तरह की प्रतिभा है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को सशक्त करने के लिए डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक बेहतर 4जी प्रक्रिया का निर्माण चाहते हैं। इसके विकास में भारतीय कंपनियां और नवोन्मेषक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।’’
प्रसाद ने कहा, ‘‘हमने पिछले साढ़े पांच साल में गरीबों के बैंक खातों में सीधे 13 लाख करोड़ रुपये या 175 अरब डॉलर डाले हैं। ऐसा कर हमने 1.78 लाख करोड़ रुपये या 24 अरब डॉलर की बचत की है।’’
उन्होंने कहा कि नयी प्रौद्योगिकियां चाहे वह 5जी हो या कृत्रिम मेधा (एआई) या आईओटी, सभी मिलकर अनुकूल पारिस्थतिकी तंत्र के लिए काम करेंगी। मोबाइल फोन इनके केंद्र में होगा। इससे अधिक अवसर पैदा होंगे और अनुकूल माहौल बनाया जा सकेगा।
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