ऊंचे भाव पर लिवाली कमजोर पड़ने से खाद्य तेलों में गिरावट, सरसों की आवक जारी

By भाषा | Updated: March 17, 2021 22:49 IST2021-03-17T22:49:00+5:302021-03-17T22:49:00+5:30

Fall in edible oils due to weak buying at high prices, mustard arrivals continue | ऊंचे भाव पर लिवाली कमजोर पड़ने से खाद्य तेलों में गिरावट, सरसों की आवक जारी

ऊंचे भाव पर लिवाली कमजोर पड़ने से खाद्य तेलों में गिरावट, सरसों की आवक जारी

नयी दिल्ली, 17 मार्च स्थानीय तेल तिलहन बाजार में बुधवार को ऊंचे भाव पर लिवाली कमजोर पड़ने से खाद्य तेलों में गिरावट का रुख रहा। मुंगफली तेल मिल डिलीवरी का भाव जहां 100 रुपये घट गया वहीं सरसों मिल डिलीवरी 300 रुपये क्विंटल तक नीचे बोली गई। सोयाबीन तेल में भी 200 रुपये क्विंटल की गिरावट रही जबकि हरियाणा बिनौला तेल मिल डिलीवरी 200 रुपये क्विंटल घट गया।

बाजार सूत्रों के अनुसार शिकागो आज एक प्रतिशत नीचे रहा वहीं मलेशिया एक प्रतिशत ऊंचा रहा। मलेशिया में उत्पादन ज्यादा रहने का अनुमान हालांकि ऊंचे भाव पर लिवाली कमजोर बनी हुई है। यही वजह है कि कच्चा पॉम तेल एक्स कांडला भाव 50 रुपये घटकर 11,500 रुपये और आरबीडी पामोलिन एक्स कांडला 350 रुपये गिरकर 12,100 रुपये क्विंटल रहा गया। दिल्ली में आरबीडी पामोलिन 350 रुपये की गिरावट के साथ 13,100 रुपये पर बोला गया।

बाजार सूत्रों का कहना है कि सरकार को हर पखवाड़े तय किये जाने वाले आयात शुल्क मूलय को बाजार भाव के अनुरूप रखना बेहतर होगा। इससे बाजार में वास्तविक आयात भाव और शुल्क मूल्य में अंतर नहीं रहेगा। इसके लिये सरकार को यह तय नीति पर काम करना चाहिये।

बहरहाल उत्पादक केन्द्रों पर सरसों की आवक लगातार जारी है और उठाव भी अच्छा बना हुआ है। जानकारों का कहना है कि सबसे अच्छी बात यह है कि इस समय तेल मिलों में सरसों में किसी तरह की मिलावट नहीं हो रही है। कारण की जिन तेलों की अक्सर मिलावट की जाती है उनके भाव ऊंचे चल रहे हैं। उनकी मिलावट कारोबार के लिये अनुकूल नहीं रह गई है।

तेल तिलहन कारोबार के जानकार देश में तेल- तिलहन बाजार की मौजूदा स्थिति को बेहतर बता रहे हैं। किसानों को तिलहन के दाम उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊंचे मिल रहे हैं। बंद पड़ी तेल मिलें चालू हुई हैं और उनमें रोजगार के अवसर बढ़े हैं। उनका मानना है कि तेल- तिलहन के मामले में आत्मनिभर्र होने और किसानों को तिलहन फसल के लिये प्रोत्साहित करने के वास्ते यह जरूरी है कि विदेशी बाजारों की घटबढ़ से घरेलू बाजार की रक्षा की जाये।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 5,950 - 6,000 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 6,295 - 6,360 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,400 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,480- 2,540 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,050 -2,140 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,180 - 2,295 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 14,000 - 17,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,900 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,300 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,500 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,500 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 125000 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,100 रुपये।

पामोलिन कांडला 12,100 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 5,710 - 5,750 रुपये: सोयाबीन लूज 5,550- 5,600 रुपये

मक्का खल 3,575 रुपये।

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Web Title: Fall in edible oils due to weak buying at high prices, mustard arrivals continue

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