एआई के बाद ‘एक्सटेंडेड रियलिटी’?, क्या है और शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में कैसे ला सकता क्रांति?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 29, 2025 12:24 IST2025-11-29T12:23:12+5:302025-11-29T12:24:57+5:30
‘इमर्सिव सिस्टम्स’ (उपयोगकर्ताओं को भौतिक और डिजिटल दुनिया का एक सहज, मिश्रित अनुभव प्रदान कराने वाली प्रणाली) में राष्ट्र के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अभियान को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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चेन्नईः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास में ‘एक्सपेरिएंशियल टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर’ (एक्सटीआईसी) ने ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए अपना पहला अंतरराष्ट्रीय ‘एक्सटेंडेड रियलिटी’ पर संगोष्ठी आयोजित की। ‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है और ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं।
शुक्रवार को कहा गया कि यह आयोजन एक्सआर प्रौद्योगिकी में भारत को सबसे आगे रखने और ‘इमर्सिव सिस्टम्स’ (उपयोगकर्ताओं को भौतिक और डिजिटल दुनिया का एक सहज, मिश्रित अनुभव प्रदान कराने वाली प्रणाली) में राष्ट्र के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अभियान को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सम्मेलन में विशेषज्ञों ने घोषणा की है कि एक्सटेंडेड रियलिटी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बाद अगली प्रमुख प्रौद्योगिकी बनने को तैयार है जो कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में क्रांति लाएगी।
विज्ञप्ति के अनुसार, प्रोफेसर एम. मणिवन्नन के नेतृत्व में एक्सटीआईसी अब लागत प्रभावी ‘एक्सआर’ नवाचार को बढ़ावा दे रहा है और उसने शिक्षा जगत, उद्योग तथा सरकार को एकजुट करने के लिए ‘इंडिया एक्सआर कॉरिडोर’ की स्थापना का प्रस्ताव रखा है।