प्राइवेट नौकरीवालों के लिए खुशखबरी! EPFO विड्रॉल को लेकर बदलने वाला है नियम, जानिए यहां
By अंजली चौहान | Updated: July 19, 2025 13:06 IST2025-07-19T13:02:28+5:302025-07-19T13:06:14+5:30
EPFO Rule Change: अभी तक ईपीएफ से पूरी रकम तभी निकाली जा सकती थी जब कोई कर्मचारी 58 साल की उम्र में रिटायर हो या नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद भी बेरोजगार रहे। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो 35-40 की उम्र में करियर बदलना चाहते हैं या किसी वजह से नियमित नौकरी नहीं कर पाते।

प्राइवेट नौकरीवालों के लिए खुशखबरी! EPFO विड्रॉल को लेकर बदलने वाला है नियम, जानिए यहां
EPFO Rule Change: प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। केंद्र सरकार जल्द ही ईपीएफओ खातों से धनराशि निकालने के नियमों में बड़ा बदलाव कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेवानिवृत्ति निधि निकाय ने एक प्रस्ताव पेश किया है जिसमें ईपीएफओ सदस्यों को हर 10 साल में एक बार अपनी पूरी राशि या उसका कुछ हिस्सा निकालने की अनुमति देने का सुझाव दिया गया है।
अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो इससे संगठित निजी क्षेत्र में कार्यरत 7 करोड़ से ज़्यादा सक्रिय ईपीएफओ सदस्यों को राहत मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद सदस्यों द्वारा धनराशि निकालने के नियमों को आसान बनाने पर विचार कर रहा है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि "यह उन लोगों की मदद के लिए विचार किया जा रहा है जो जल्दी सेवानिवृत्त होना चाहते हैं और उन्हें 58 साल की आधिकारिक सेवानिवृत्ति आयु तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है।"
यानी अब अगर कोई व्यक्ति जल्दी सेवानिवृत्त होना चाहता है या किसी मजबूरी के कारण नौकरी छोड़ता है, तो उसे अपनी मेहनत की कमाई - ईपीएफ - निकालने के लिए 58 साल की उम्र तक इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।
ईपीएफ निकासी नियमों में बदलाव क्यों जरूरी है?
अभी तक, ईपीएफ से पूरी राशि तभी निकाली जा सकती थी जब कोई कर्मचारी 58 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो या नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद भी बेरोजगार रहे। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो 35-40 की उम्र में करियर बदलना चाहते हैं या किसी कारण से नियमित नौकरी नहीं कर पाते।
विशेषज्ञ इस कदम को महत्वपूर्ण मान रहे हैं क्योंकि अंशधारकों का एक बड़ा हिस्सा कभी सेवानिवृत्ति की आयु तक नहीं पहुँच पाता या इतने लंबे समय तक औपचारिक क्षेत्र की नौकरी जारी नहीं रख पाता। यानी, बड़ी संख्या में ईपीएफ सदस्य ऐसे हैं जो सेवानिवृत्ति की आयु तक औपचारिक क्षेत्र में कभी नौकरी नहीं करते। यह प्रस्तावित नियम परिवर्तन ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है।
हाल के वर्षों में ईपीएफओ में महत्वपूर्ण बदलाव
सरकार और ईपीएफओ ने पिछले कुछ वर्षों में पीएफ से जुड़ी प्रक्रियाओं को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं।
यूपीआई के माध्यम से त्वरित निकासी (1 लाख रुपये तक)
अब यूपीआई या एटीएम के माध्यम से पीएफ खाते से 1 लाख रुपये तक की राशि तुरंत निकाली जा सकती है। इससे आपात स्थिति में पैसे निकालना आसान हो गया है।
स्वतः निपटान सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई
पहले 1 लाख रुपये तक के दावों का स्वतः निपटान हो जाता था, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इससे छोटे दावों में भौतिक सत्यापन की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
दस्तावेजों की संख्या कम
प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, EPFO ने दावा सत्यापन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की संख्या 27 से घटाकर 18 कर दी है। इससे अब यह प्रक्रिया 3-4 दिनों में पूरी हो रही है।
अचल संपत्ति के लिए निकासी
अगर आपकी सेवा के 3 वर्ष पूरे हो गए हैं और उस राशि का उपयोग मकान के डाउन पेमेंट या EMI में किया जाना है, तो अब PF खाते से 90% राशि निकाली जा सकती है।
EPFO 3.0 के तहत डिजिटल बदलाव
EPFO अब एक नया संस्करण "EPFO 3.0" ला रहा है, जिसमें UPI भुगतान, मोबाइल ऐप, ATM कार्ड से निकासी और ऑनलाइन सेवा ट्रैकिंग जैसी सुविधाएँ शामिल होंगी। इससे PF सदस्य कभी भी, कहीं से भी अपनी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
सीपीपीएस (केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली)
सीपीपीएस के तहत, पेंशनभोगी अब किसी भी बैंक शाखा से पेंशन ले सकते हैं। यह सुविधा दिसंबर 2024 तक पूरे देश में लागू हो जाएगी।
इस बदलाव से किसे लाभ होगा?
- वे लोग जिन्होंने नौकरी में 10 साल या उससे ज़्यादा की सेवा पूरी कर ली है, लेकिन अब वे नियमित नौकरी नहीं करना चाहते या अपना खुद का कुछ शुरू करना चाहते हैं।
- वे युवा जो जल्दी सेवानिवृत्ति की योजना बना रहे हैं या नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई, स्टार्टअप या फ्रीलांसिंग करना चाहते हैं।
- वे महिलाएं जो शादी, मातृत्व या पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के कारण अपनी नौकरी छोड़ देती हैं।