EPFO Interest: 6 करोड़ से अधिक अंशधारकों को तोहफा, केंद्र सरकार ने त्योहार में दी खुशखबरी, ब्याज दर में 0.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 28, 2023 08:02 PM2023-03-28T20:02:43+5:302023-03-28T20:03:37+5:30
EPFO Interest: ईपीएफओ अपने छह करोड़ से अधिक अंशधारकों के ईपीएफ पर 2021-22 के लिए ब्याज दर को घटाकर मार्च, 2022 में चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.10 प्रतिशत पर ले आया था।
EPFO Interest: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मंगलवार को अपनी बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 2022-23 के लिए ब्याज दर मामूली रूप से बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया।
ईपीएफओ अपने छह करोड़ से अधिक अंशधारकों के ईपीएफ पर 2021-22 के लिए ब्याज दर को घटाकर मार्च, 2022 में चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.10 प्रतिशत पर ले आया था। यह दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, तब ईपीएफ पर ब्याज दर आठ प्रतिशत हुआ करती थी।
2020-21 में यह दर 8.5 प्रतिशत थी। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय एवं केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता वाले केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 2022-23 के लिए सदस्यों के ईपीएफ जमा पर वार्षिक 8.15 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का निर्णय लिया है।’’
मार्च, 2021 में सीबीटी ने 2020-21 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत कर दिया था। अब सीबीटी के निर्णय के बाद, 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर की जानकारी वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज ईपीएफओ अंशधारकों के खातों में डाल दिया जाएगा।
बयान के मुताबिक यह ब्याज दर और 663.91 करोड़ रुपये का अधिशेष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को कम करके सात महीने के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत पर ला दिया था। 2018-19 के लिए यह 8.65 प्रतिशत थी।
ईपीएफओ ने 2016-17 में ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया था, 2017-18 में यह 8.55 प्रतिशत, 2015-16 में 8.8 प्रतिशत था। 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 प्रतिशत थी, 2012-13 में यह 8.5 प्रतिशत थी। 2011-12 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।