न्यूयॉर्कः ‘स्पेसएक्स’ के सीईओ एलन मस्क ने कहा है कि उनकी साथी शिवोन जिलिस ‘‘आधी भारतीय’’ हैं और उन्होंने अपने एक बच्चे का मध्य नाम नोबेल पुरस्कार विजेता सुब्रमण्यन चंद्रशेखर के नाम पर शेखर रखा है। जिलिस और मस्क के चार बच्चे हैं - जुड़वां बच्चे स्ट्राइडर और एज्योर, एक बेटी अर्काडिया और बेटा सेल्डन लाइकर्गस। ज़िलिस मस्क की एक कंपनी न्यूरालिंक में ‘ऑपरेशन्स और स्पेशल प्रोजेक्ट्स’ में निदेशक हैं। मस्क ने जिरोधा के सह संस्थापक निखिल कामथ के कार्यक्रम ‘पीपुल बाय डब्ल्यूटीएफ’ में साक्षात्कार में कहा, ‘‘जिलिस से मेरा एक बेटा है, उसका मध्य नाम चंद्रशेखर के नाम पर शेखर रखा गया है।’’ एस. चंद्रशेखर एक प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी खगोल भौतिकीविद् थे, जिन्हें ‘‘तारों की संरचना और विकास के लिए महत्वपूर्ण भौतिक प्रक्रियाओं पर उनके सैद्धांतिक अध्ययनों’’ को लेकर 1983 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या जिलिस भारत में रही हैं, इस पर मस्क ने कहा जब वह छोटी थीं तभी उन्हें गोद ले लिया गया था और वह कनाडा में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उनके पिता विश्वविद्यालय में पढ़ने आए थे, या कुछ ऐसा ही रहा होगा। मुझे इसकी पूरी जानकारी नहीं है। उन्हें (जिलिस) गोद लिया गया है।’’
भारत से आए प्रतिभाशाली लोगों से अमेरिका को अत्यंत फायदा हुआ है : मस्क
अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी ‘स्पेसएक्स’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने एच1बी वीजा का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका को भारत से आए प्रतिभाशाली लोगों का ‘‘अत्यंत फायदा’’ मिला है और चेतावनी दी कि यदि इसे बंद कर दिया गया तो यह अमेरिका के लिए ‘‘वास्तव में बहुत बुरा’’ होगा।
अमेरिका के प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अरबपति कारोबारी ने निवेशक एवं उद्यमी निखिल कामत के पॉडकास्ट ‘पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ’ में एक साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की, जो रविवार को प्रसारित हुआ। मस्क ने कहा, ‘‘हां, मुझे लगता है कि अमेरिका को उन प्रतिभाशाली भारतीयों से बहुत लाभ हुआ है जो अमेरिका आए... अमेरिका, भारत की प्रतिभा से अत्यंत लाभान्वित हुआ है।’’
एच-1बी वीजा को लेकर टेस्ला के सीईओ ने कहा कि भले ही इस कार्य वीजा कार्यक्रम का कुछ दुरुपयोग हुआ है लेकिन उनका दृढ़ विश्वास है कि इसे बंद नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना सही होगा कि... कुछ ‘आउटसोर्सिंग’ कंपनियों ने एच-1बी प्रणाली का दुरुपयोग किया है। और हमें इस दुरुपयोग को रोकने की जरूरत है।
लेकिन मैं बिल्कुल भी उस विचारधारा का हिस्सा नहीं हूं कि इस कार्यक्रम को बंद कर दिया जाए। कुछ दक्षिणपंथी लोग ऐसा सोचते हैं। मेरा मानना है कि उन्हें समझ नहीं है कि ऐसा करना वास्तव में बहुत बुरा होगा।’’ उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने एच-1बी वीजा के दुरुपयोग को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर सख्ती शुरू की है।
अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां विदेशियों को रोजगार देने के लिए इस वीजा का व्यापक रूप से उपयोग करती हैं। भारतीय पेशेवर खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कर्मचारी और चिकित्सक एच-1बी वीजा धारकों के सबसे बड़े समूहों में शामिल हैं। मस्क ने आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में ‘‘बड़े पैमाने पर’’ अवैध आव्रजन हुआ, जिसने नकारात्मक प्रभाव पैदा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर अमेरिका में अवैध रूप से आने और सरकारी लाभ पाने का बड़ा आर्थिक प्रलोभन होगा, तो स्वाभाविक रूप से लोग अमेरिका आने की कोशिश करेंगे। यह पूरी प्रोत्साहन संरचना ही गलत थी।’’ जब उनसे पूछा गया कि भारत के युवा उद्यमियों के लिए उनका संदेश क्या है, तो मस्क ने कहा कि वह ‘‘उन सभी का सम्मान करते हैं जो कुछ बनाना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप जो पाना चाहते हैं, उससे अधिक देने का लक्ष्य रखें। यदि आप कुछ मूल्यवान बनाना चाहते हैं... उपयोगी उत्पाद और सेवाएं देना चाहते हैं... तो पैसा अपने-आप आएगा।’’