नई दिल्लीः चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने जांच तेज कर दिया है। वीवो इंडिया ने भारत में करों का भुगतान से बचने के लिए अपने कारोबार का लगभग 50 प्रतिशत या 62,476 करोड़ रुपये चीन को भेज दिया। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत 465 करोड़ रुपये, 73 लाख रुपये नकद और 2 किलो सोना भी जब्त किया है।
ईडी ने वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट से संबंधित देश भर में 48 स्थानों पर तलाशी ली है। इसकी 23 संबद्ध कंपनियों और रुपये की शेष राशि को जब्त कर लिया। 119 बैंक खातों में 465 करोड़ पड़े हैं, जिसमें वीवो इंडिया के 66 करोड़ की एफडी, 2 किलो सोने की छड़ें हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि वीवो इंडिया ने भारत में कर देने से बचने के लिए अपने राजस्व का बड़ा हिस्सा चीन एवं कुछ अन्य देशों में भेज दिया। विदेशों में भेजी गई राशि 62,476 करोड़ रुपये है जो उसके कारोबार का लगभग आधा हिस्सा है। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि वीवो के पूर्व निदेशक बिन लाऊ ने भारत में कई कंपनियां बनाने के बाद वर्ष 2018 में देश छोड़ दिया था।
अब इन कंपनियों के वित्तीय ब्योरों पर जांच एजेंसी की नजरें हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने यह आरोप भी लगाया है कि वीवो इंडिया के कर्मचारियों ने उसकी तलाशी अभियान के दौरान सहयोग नहीं किया और भागने एवं डिजिटल उपकरणों को छिपाने की कोशिश भी की। हालांकि एजेंसी की तलाशी टीमें इन डिजिटल सूचनाओं को हासिल करने में सफल रहीं।