DGCA new rules: 1 जनवरी 2025 से नए नियम प्रभावी, डीजीसीए ने किए बदलाव, क्या है सीएआर-एम और सीएआर-145
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 3, 2024 17:17 IST2024-09-03T17:15:32+5:302024-09-03T17:17:27+5:30
DGCA new rules: विमानों की लगातार उड़ान भरने की काबिलियत दो प्राथमिक नागर विमानन प्रावधानों (सीएआर) से निर्धारित होती हैं।

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DGCA new rules: विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने अनुपालन बोझ को कम करने के लिए हल्के विमानों और गैर-अनुसूचित विमान परिचालकों के लिए उड़ान-पात्रता प्रावधानों को सरल बनाने को नए नियम जारी किए हैं। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि नए नियम अगले साल एक जनवरी से प्रभाव में आएंगे। फिलहाल विमानों की लगातार उड़ान भरने की काबिलियत दो प्राथमिक नागर विमानन प्रावधानों (सीएआर) से निर्धारित होती हैं। इन्हें सीएआर-एम और सीएआर-145 के रूप में जाना जाता है।
सीएआर-एम में हर तरह के विमानों की निरंतर उड़ान पात्रता शामिल होती है। इनमें अनुसूचित परिचालन, गैर-अनुसूचित परिचालन, उड़ान प्रशिक्षण, सामान्य विमानन और निजी परिचालन के लिए उपयोग किए जाने वाले विमान शामिल हैं। वहीं सीएआर-145 प्रावधान वाणिज्यिक परिचालन और जटिल मोटर विमानों में इस्तेमाल होने वाले विमानों के रखरखाव संबंधी नियमों को निर्दिष्ट करते हैं।
डीजीसीए के ये नियम विमानों के आकार की परवाह किए बगैर सभी संगठनों में समान रूप से लागू होते हैं। इसके अलावा ये वाणिज्यिक एवं निजी विमानों के लिए जरूरी रखरखाव प्रक्रियाओं पर भी लागू होते हैं। डीजीसीए ने अब हल्के विमानों और निजी परिचालकों के लिए सरलीकृत उड़ान पात्रता प्रावधानों को लागू करने के लिए तीन नियमों का सेट पेश किया है।
इन्हें सीएआर-एमएल, सीएआर-सीएओ और सीएआर-सीएएमओ का नाम दिया गया है। यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी के साथ तालमेल में बनाए गए ये नियम हल्के विमानों और लाइसेंस-प्राप्त एयरलाइंस के अलावा अन्य परिचालकों के विमानों के लिए उड़ान पात्रता प्रावधानों को सरल बनाने का प्रयास करते हैं।
इसके साथ नियामक ने सीएआर-एम और सीएआर-145 नियमों में कुछ संशोधन भी किए हैं। डीजीसीए ने कहा, ‘‘ये नए और संशोधित विनियमन विमानन उद्योग को गैर-जटिल विमानों का उपयोग करने वाले ऑपरेटरों/ संगठनों के लिए अनुपालन बोझ को कम करने में मदद करेंगे।
अनुसूचित वाणिज्यिक संचालन में उपयोग किए जाने वाले विमान कहीं अधिक जटिल हैं।’’ सरकार हवाई संपर्क को बेहतर बनाने के तरीकों पर काम कर रही है और क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत सी-प्लेन संचालन को बढ़ावा देने की भी कोशिश कर रही है।