पंजीकरण प्रमाण पत्र निर्गमन का अधिकार काजू निर्यात संवधन परिषद को लौटाने की मांग

By भाषा | Updated: June 30, 2021 23:49 IST2021-06-30T23:49:23+5:302021-06-30T23:49:23+5:30

Demand to return the right of issue of registration certificate to Cashew Export Promotion Council | पंजीकरण प्रमाण पत्र निर्गमन का अधिकार काजू निर्यात संवधन परिषद को लौटाने की मांग

पंजीकरण प्रमाण पत्र निर्गमन का अधिकार काजू निर्यात संवधन परिषद को लौटाने की मांग

नयी दिल्ली, 30 जून काजू उद्योग निकायों ने बुधवार को सरकार से भारतीय काजू निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसीआई) की अपने सदस्यों को पंजीकरण सह-सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) जारी करने या नवीनीकृत करने के लिए शक्ति को फिर से बहाल करने का आग्रह किया है।

उन्होंने घरेलू उद्योग के अस्तित्व की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार और अर्ध-निर्मित काजू गीरी के सभी प्रकार के आयात पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की।

इस संबंध में विभिन्न राज्यों के काजू संघों के साथ-साथ भारतीय काजू उद्योग संघ (एफआईसीआई) द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को एक ज्ञापन दिया गया है।

इस साल 14 जून को, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने पंजीकरण सह-सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) जारी करने के भारतीय काजू निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसीआई) के पास निहित शक्ति को खत्म कर दिया और इसके लिए सरकारी निकाय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास एजेंसी (एपीडा) को अधिकृत किया।

केरल स्थित मुख्यालय वाले सीईपीसीआई के अध्यक्ष नूरदीन अब्दुल ने कहा, ‘‘काजू निर्यातकों और प्रसंस्करणकर्ताओं को आरसीएमसी जारी करने की परिषद के साथ निहित शक्ति को डीजीएफटी द्वारा निलंबित करने का निर्णय क्यों लिया गया इस बारे में सीईपीसीआई को पूरी तरह से अंधेरे में है।’’

आय से कर्मचारियों के वेतन, प्रशासनिक खर्च और निर्यात संवर्धन गतिविधियों का संचालन किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस शक्ति के निलंबन से परिषद की वित्तीय स्थिरता सवालों के घेरे में है।

तमिलनाडु काजू प्रोसेसर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के सचिव रामकृष्णन ने कहा, ‘‘यह निर्णय प्रभावी रूप से परिषद को पंगु बना रहा है, जो घरेलू काजू उद्योग के हितों की रक्षा में सक्रिय रूप से संलग्न है।’’

एफआईसीआई सचिव मोहम्मद खुरैश ने कहा कि सीईपीसीआई की शक्तियों को खत्म करने का कारण ‘‘काजू आयात लॉबी है जो तैयार / अर्ध-तैयार काजू गरी के कपटपूर्ण आयात को रोकने में परिषद की भागीदारी और सतर्कता के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई थी।’’

काजू प्रसंस्करण का काम मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में होता है। भारत में काजू प्रसंस्करण ज्यादातर हाथों से ही किया जाता है और इसलिए प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में यह महंगा है। काजू उद्योग में 10 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।

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Web Title: Demand to return the right of issue of registration certificate to Cashew Export Promotion Council

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