जीजेईपीसी की सरकार से अगली एफटीपी में आभूषण मरम्म्त नीति लाने की मांग
By भाषा | Updated: January 31, 2021 11:20 IST2021-01-31T11:20:00+5:302021-01-31T11:20:00+5:30

जीजेईपीसी की सरकार से अगली एफटीपी में आभूषण मरम्म्त नीति लाने की मांग
नयी दिल्ली, 31 जनवरी रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने सरकार से अगली विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में एक अनुकूल आभूषण मरम्मत नीति लाने की मांग की है। जीजेईपीसी ने कहा कि ऐसा होने पर भारत पुराने और टूटे-फूटे आभूषणों की मरम्मत का वैश्विक केंद्र बन सकता है।
वाणिज्य मंत्रालय पांच साल (2020-25) के लिए अगली विदेश व्यापार नीति को अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। इस नीति को अप्रैल में पेश किए जाने की उम्मीद है।
जीजेईपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा, ‘‘हमने वाणिज्य मंत्रालय को आभूषण मरम्मत नीति का सुझाव दिया है। भारत के पास पुराने और टूटे-फूटे आभूषणों की मरम्मत का बुनियादी ढांचा है। भारत इसका वैश्विक केंद्र बन सकता है।’’
शाह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमें अगली विदेश व्यापार नीति में इसकी जरूरत है। भारत के पास आभूषणों की मरम्मत के लिए कुशल श्रमबल है। अनुकूल नीति से हम इस क्षेत्र में आगे निकल सकते हैं।’’
परिषद ने सुझाव दिया है कि विदेशी कंपनियों द्वारा मरम्मत के लिए भेजे जाने वाले आभूषणों पर सीमा शुल्क नहीं लगना चाहिए। परिषद ने कहा कि मरम्मत के लिए भेजे जाने वाले आभूषणों का विनिमयन होना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अधिकतम तीन से छह माह में इनका पुन:निर्यात हो जाए।
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