देश भर के हस्तशिल्प कारीगरों को एक मंच पर लाने की तैयारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 5, 2025 16:56 IST2025-08-05T16:49:27+5:302025-08-05T16:56:21+5:30
उद्योग विकास के अगले चरण को गति प्रदान करने के लिए ‘आईएमएम इंडिया’ का गठन।

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नई दिल्लीः देश भर के हस्तशिल्प कारीगरों को एक मंच पर लाने की तैयारी चल रही है। सरकार और निजी क्षेत्र दोनों ही इस दिशा में काम कर रहे हैं ताकि कारीगरों को बेहतर बाजार पहुंच, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिल सके। इसके तहत देश भर में विभिन्न मेले और प्रदर्शनी आयोजित किए जा रहे हैं, जहां कारीगर अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर सकते हैं, जिससे उन्हें नया बाजार मिल सकेगा। इसी सोच को लेकर भारतीय इंटीरियर एवं फर्नीचर उद्योग विकास के अगले चरण को गति प्रदान करने के लिए ‘आईएमएम इंडिया’ का गठन किया गया है।
यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा जो देश भर में इनोवेशन, आपसी सहयोग एवं उद्योग जगत के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारतीय ओद्यौगिक संगठनों जैसे जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, ईस्टर्न यूपी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, द हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन-मुरादाबाद एंड बगरू इंडस्ट्रियल एसोसिएशन द्वारा समर्थित ‘आईएमएम इंडिया’ देश के तेज़ी से विकसित होते इंटीरियर एवं फर्नीचर मार्केट को विश्वस्तरीय इनोवेशन्स के साथ जोड़गा। मंगलवार को दिल्ली के इंडिया हेबिटेट सेंटर में आईएमएम इंडिया को अधिकारिक रूप से लांच किया गया।
आईएमएम इंडिया के संस्थापक मिलिंद दीक्षित ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक भारत का इंटीरियर डिज़ाइन मार्केट 2024 में 36.4 बिलियन डॉलर का है जो 14.3 फीसदी की दर से विकसित होते हुए 2032 तक 67.4 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि आईएमएम अगले साल 11 से 14 मार्च 2026 में दिल्ली के यशोभूमी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी आयोजित करने जा रहा है।
एक प्रदर्शनी ही नहीं बल्कि एक आंदोलन है। यह ऐसे समय में विश्वस्तरीय इनोवेशन एवं भारतीय प्रतिभा को एक मंच पर लाया है जब देश का इंटीरियर डिज़ाइन मार्केट 2033 तक दोगुना होकर 71 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत में डिज़ाइन-उन्मुख जीवनशैली की बढ़ती मांग के बीच कोलनमेस्से ग्लोबल की विशेषज्ञता के साथ हम ऐसा मंच लेकर आए हैं जो देश में इंटीरियर के भविष्य को पूरी तरह से बदल देगा। यह मंच आर्कीटेक्ट्स, डिज़ाइनरों, रीटेलरों एवं सोर्सिंग प्रोफेशनल्स को एक दूसरे के साथ जोड़ने में योगदान देगा।
इस मौके पर मौजूद फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (एफआईसीओ) एस.सी. रहलान ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि ट्रंप के टैरिफ से भारतीय एक्सपोर्टर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि चीन के बाद अमेरिका हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है।
इस बीच सरकार ने निर्यातकों को बचाने के लिए एक बड़ी योजना बना रही है। यह योजना लगभग 20,000 करोड़ की होगी। सरकार का लक्ष्य है कि सितंबर तक इस योजना को शुरू कर दिया जाए। इसका मकसद है कि दुनिया भर में ट्रेड में होने वाले उतार-चढ़ावों से भारतीय निर्यातकों को बचाया जा सके।
जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत दिनेश ने उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘भारतीय कारीगरी एवं निर्यात को बढ़ावा देने वाले संगठन के रूप में हमें खुशी है कि हम कोलनमेस्से के साथ मिलकर आईएमएम इंडिया का आयोजन कर रहे हैं। यह कार्यक्रम भारतीय इंटीरियर कारोबार के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जो हमारे सदस्यां एवं उद्योग जगत को बेजोड़ विश्वस्तरीय मंच प्रदान करेगा।
