परिवारों पर कर्ज बढ़कर जीडीपी के 37.1 प्रतिशत पर, बचत घटकर 10.4 प्रतिशत पर: रिजर्व बैंक

By भाषा | Updated: March 21, 2021 14:17 IST2021-03-21T14:17:33+5:302021-03-21T14:17:33+5:30

Debt on families increases at 37.1 percent of GDP, savings down to 10.4 percent: Reserve Bank | परिवारों पर कर्ज बढ़कर जीडीपी के 37.1 प्रतिशत पर, बचत घटकर 10.4 प्रतिशत पर: रिजर्व बैंक

परिवारों पर कर्ज बढ़कर जीडीपी के 37.1 प्रतिशत पर, बचत घटकर 10.4 प्रतिशत पर: रिजर्व बैंक

मुंबई, 21 मार्च कोरोना वायरस महामारी के एक साल के दौरान भारतीय परिवारों पर कर्ज का बोझ बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में परिवारों पर कर्ज बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 37.1 प्रतिशत पर पहुंच गया है। वहीं, इस दौरान परिवारों की बचत घटकर 10.4 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गई है।

महामारी की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोगों का वेतन घटा है। इस वजह से लोगों को अधिक कर्ज लेना पड़ा है या फिर अपनी बचत से खर्चों को पूरा करना पड़ा है।

आंकड़ों के अनुसार दूसरी तिमाही में कुल ऋण बाजार में परिवारों की हिस्सेदारी सालाना आधार पर 1.30 प्रतिशत बढ़कर 51.5 प्रतिशत पर पहुंच गई।

रिजर्व बैंक के मार्च बुलेटिन के अनुसार महामारी की शुरुआत में लोगों का झुकाव बचत की ओर था। इस वजह से 2020-21 की पहली तिमाही में परिवारों की बचत जीडीपी के 21 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, लेकिन दूसरी तिमाही में यह घटकर 10.4 प्रतिशत रह गई।

हालांकि, यह 2019-20 की दूसरी तिमाही के 9.8 प्रतिशत से अधिक है।

रिजर्व बैंक के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सामान्य रूप से जब अर्थव्यवस्था ठहरती है या उसमें गिरावट आती है, तो परिवारों की बचत बढ़ती है। वहीं जब अर्थव्यवस्था सुधरती है, तो बचत घटती है, क्योंकि लोगों का खर्च करने को लेकर भरोसा बढ़ता है। इस मामले में पहली तिमाही में परिवारों की बचत जीडीपी के 21 प्रतिशत पर पहुंच गई। उस समय सकल घरेलू उत्पाद में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई थी। उसके बाद दूसरी तिमाही में जीडीपी की गिरावट कम होकर 7.5 प्रतिशत रह गई। वहीं लोगों की बचत घटकर 10.4 प्रतिशत पर आ गई।

रिजर्व बैंक ने कहा कि कुछ इसी तरह का रुख 2008-09 में वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भी देखने को मिला था। उस समय परिवारों बचत जीडीपी के 1.70 प्रतिशत बढ़ी थी। बाद में अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ बचत भी घटने लगी।

बुलेटिन में कहा गया है कि परिवारों का ऋण से जीडीपी अनुपात 2018-19 की पहली तिमाही से लगातार बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में परिवारों का कर्ज जीडीपी के 37.1 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो पहली तिमाही में 35.4 प्रतिशत था। कुल ऋण बाजार में परिवारों का कर्ज का हिस्सा भी दूसरी तिमाही में 1.3 प्रतिशत बढ़कर 51.5 प्रतिशत पर पहुंच गया।

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Web Title: Debt on families increases at 37.1 percent of GDP, savings down to 10.4 percent: Reserve Bank

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