कंटेनरों की ऊंची लागत से देश का निर्यात प्रभावित : टीपीसीआई

By भाषा | Updated: August 10, 2021 15:25 IST2021-08-10T15:25:55+5:302021-08-10T15:25:55+5:30

Country's exports affected by high cost of containers: TPCI | कंटेनरों की ऊंची लागत से देश का निर्यात प्रभावित : टीपीसीआई

कंटेनरों की ऊंची लागत से देश का निर्यात प्रभावित : टीपीसीआई

नयी दिल्ली, 10 अगस्त कंटेनर भाड़े में लगातार बढ़ोतरी से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में घरेलू उत्पादों की कुल लागत बढ़ रही है। भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (टीपीसीआई) ने मंगलवार को यह बात कही।

टीपीसीआई ने कहा कि इससे भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धी क्षमता कम हो रही और वस्तुओं का निर्यात प्रभावित हो रहा है।

टीपीसीआई ने कहा कि सभी सेवाप्रदाताओं की कंटेनर ढुलाई की हाजिर दरें नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई हैं।

परिषद ने बयान में कहा, ‘‘उद्योग इस स्थिति को लेकर चिंतित है। यदि यही स्थिति बनी रहती है, तो भारत से वस्तुओं के निर्यात की लागत पांच से आठ प्रतिशत बढ़ जाएगी। इससे निर्यात भी प्रभावित होगा। ऊंची लागत की वजह से भारतीय उत्पादों की मांग सुस्त पड़ेगी।’’

परिषद ने एसएलटी फूड इंक के संदीप पटेल तथा अमेरिका स्थित टीपीसीआई के एक सदस्य के हवाले से कहा कि कोविड-19 से पहले भारत से उत्तरी अमेरिका के लिए 20 फुट के कंटेनर के लिए दर औसतन 1,800 डॉलर थी, जो आज बढ़कर 6,000 डॉलर के उच्चस्तर पर पहुंच गई है।

पटेल ने कहा कि समस्या तब शुरू हुई जबकि 2020 की पहली छमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में लॉकडाउन लगना शुरू हुआ।

सेवियॉन सेरामिक (क्यू-बीओ) के निर्यात बिक्री निदेशक श्रीकान्त देवहितका ने कहा कि गुजरात के मुंदड़ा बंदरगाह से अमेरिका के लिए बाजार खुलने के बाद समुद्री ढुलाई लागत लगातार बढ़ रही है। छह महीने पहले यह 2,000 से 2,200 डॉलर थी, जो आज बढ़कर 10,000 से 11,000 डॉलर पर पहुंच गई है।

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Web Title: Country's exports affected by high cost of containers: TPCI

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