जयपुर, 24 दिसंबर राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि सहकारिता कृषि छोटे किसानों के जीवन में बड़ा और सकारात्मक बदलाव ला सकती है। उन्होंने कहा कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में सहकारिता कृषि को व्यावहारिक बनाते हुए इसे बढ़ावा देने की दिशा में कृषि विश्वविद्यालयों को कार्य करना चाहिए।
मिश्र ने कोटा के कृषि विश्वविद्यालय के पांचवे दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सहकारिता कृषि से खेती की लागत में कमी आने के साथ-साथ उत्पादन भी अधिक होता है, जिसका उचित मूल्य भी किसानों को प्राप्त हो पाता है।
उन्होंने कहा कि जमीन और पानी की कमी तथा कृषि उत्पादन के लागत मूल्य में बढ़ोतरी की चुनौती से निपटने के लिए इस दिशा में शोध और नवाचार को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। किसान अनुकूल योजनाओं के साथ खेती के आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के प्रसार के क्षेत्र में कृषि विश्वविद्यालयों को प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए।
मिश्र ने कहा कि अभी उपलब्ध जल का अधिकतम उपयोग खेतों में होता है। अन्य क्षेत्रों में जल की जरूरत को पूरा करने के लिए कृषि क्षेत्र में जल प्रबंधन को लेकर गंभीर प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि भूजल संभरण पर और तेजी से कार्य करने की जरूरत है। कृषि प्रबंधन में योग्य एवं तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं को तैयार करने पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
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