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वाहन कलपुर्जों का शत- प्रतिशत स्थानीयकरण करें कंपनियां: गडकरी

By भाषा | Updated: February 25, 2021 18:29 IST

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नयी दिल्ली, 25 फरवरी केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को वाहन विनिर्माता कंपनियों से कलपुर्जों में स्थानीयकरण को बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने को कहा। यदि ऐसा नहीं होता है तो सरकार कलपुर्जों के घरेलू स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये मूल आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार करेगी।

हालांकि, वाहन उद्योग ने सरकार से इलेक्ट्रानिक कलपुर्जों के स्थानीयकरण के लिये समर्थन दिये जाने की मांग की है। खासतौर से सेमिकंडक्टर के स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने को कहा है।

गडकरी यहां आटोमोटिव कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसियेसन आफ इंडिया (एक्मा) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में आटोमोबाइल क्षेत्र के कलपुर्जों के विनिर्माण में 70 प्रतिशत तक स्थानीय उत्पादों का इस्तेमाल होता है। उन्होंने कहा ‘‘हमें किसी भी कीमत पर आटो कलपुर्जों के आयात को रोकना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं वाहन एवं वाहनों के कलपुर्जा विनिर्माताओं दोनों से यह आग्रह करता हूं कि वह विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले अधिक से अधिक सामान को स्थानीय स्तर पर ही खरीदें। बल्कि मैं कहूंगा कि अधिक से अधिक नहीं बल्कि शत प्रतिशत सामान देश के भीतर से ही लें। हम हर क्षेत्र में पूरी तरह से सक्षम हैं। मैं वाहन कंपनियों से कहना चाहूंगा कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें अन्यथा जहां तक कलपुर्जों के आयात का मामला है हम इन पर आयात शुल्क बढ़ाने की दिशा में विचार कर रहे हैं।’’

गडकरी ने कहा कि सरकार की इस मामले में हर समय स्पष्ट नीति रही है। हम भारत में निर्मित और भारत में तैयार उत्पादों की नीति को प्रोत्साहन देना चाहते हैं।

हालांकि, इससे पहले इसी समारोह में बोलते हुये भारतीय वाहन विनिर्माण सोसायटी (सियाम) के अध्यक्ष केनिची आयुकावा ने वाहनों के इलेक्ट्रानिक कलपुर्जों विशेषतौर से सेमिकंडकटर के स्थानीय कारण के लिये सरकार से समर्थन दिये जाने की मांग की। सेमिकंडक्टर की इस समय दुनिया में कमी महसूस की जा रही है।

आयुकावा ने कहा कि सेमेकंडक्टर के क्षेत्र में भारी निवेश की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सियाम और एक्मा दोनों संगठन मिलकर वाहन कलपुर्जों के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर’ भारत के लिये कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं।

गडकरी ने कहा कि उन्हें जब कभी वाहन विनिर्माता कंपनियों के साथ विचार विमर्श करने का अवसर मिलता है उनका यही सुझाव होता है कि आयात को कभी भी बढ़ावा नहीं दें।

केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के साथ साथ सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय का भी कामकाज संभाल रहे गडकरी ने विनिर्माताओं से कहा कि वह उत्पाद की गुणवत्ता के साथ समझौता किये बिना लागत कम करने पर ध्यान दें।

उन्होंने कहा कि सरकार देश को अगले पांच साल में वाहन विनिर्माण का वैश्विक केन्द्र बनाने की दिशा में काम कर रही है और इसके लिये जल्द ही समग्र नीति की घोषणा की जायेगी।

गडकरी ने वाहनों की प्रस्तावित स्वैच्छिक कबाड़ नीति का जिक्र करते हुये कहा कि इससे इस्पात, प्लास्टिक, रबड़, तांबा और एल्यूमीनियम जैसे कचचे माल की उपलब्धता बढ़ेगी और विनिर्माताओं को इसका लाभ उठाना चाहिये।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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