संपर्क, संचार हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार: मुकेश अंबानी

By भाषा | Updated: June 21, 2021 21:32 IST2021-06-21T21:32:25+5:302021-06-21T21:32:25+5:30

Communication, communication is a fundamental right of every person: Mukesh Ambani | संपर्क, संचार हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार: मुकेश अंबानी

संपर्क, संचार हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार: मुकेश अंबानी

नयी दिल्ली, 21 जून जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी ने सोमवार को देश के भीतर और विभिन्न देशों के बीच डिजिटल स्तर पर अंतर पाटने पर जोर देते हुये कहा कि संपर्क (कनेक्टिविटी) और संचार अब हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार बन गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि इसके साथ दुनिया की अर्थव्यवस्थओं को पटरी पर लाने की जरूरत है।

कतर इकोनॉमिक मंच को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा कि यह कल्पना करना कठिन है कि महामारी के दौरान 4जी दूरसंचार नेटवर्क नहीं होता, तो भारत में क्या होता।

उन्होंने कहा, ‘‘देशों के बीच और देश के भीतर डिजिटल अंतर को पाटने की जरूरत है क्योंकि संपर्क और संचार अब खाना, कपड़ा और मकान की तरह बुनियादी जरूरत बन गयी हैं।’’

देश की सबसे नई लेकिन सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो के प्रमुख अंबानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी से बहुत पहले ‘डिजिटल इंडिया’ का आह्वान किया। और यही कारण है कि महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से हम सफलतापूर्वक निपट सके।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया का आह्वान किया था और मुझे गर्व है कि हमारी डिजिटल सेवा कंपनी जियो ने 2018 तक देश भर में 4 जी नेटवर्क शुरू कर दिया था।’’

अंबानी ने कहा, ‘‘हमने बार-बार यह सोचा कि अगर 4जी नेटवर्क नहीं होता, कोरोना संकट का सामना हम किस प्रकार से करते?’’

उन्होंने कहा कि और इसी डिजिटल ढांचागत सुविधा ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम को शुरू करने में मदद की। बच्चों को घर से पढ़ाई करने और लोगों को कहीं से भी काम करने की सुविधा मिली।

अंबानी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि डिजिटल और भौतिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा अब नया चलन होगा... मेरे विचार से, सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए इस डिजिटल बुनियादी ढांचे को एकीकृत करना और बढ़ाना बेहद जरूरी है, जो कोरोना संकट में बहुत उपयोगी रहा है।’’

भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अंबानी ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी जैसा संकट सदियों में होने वाला मानवीय संकट है और दुनिया इसके लिय तैयार नहीं थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस संकट ने मानव जाति की दृढ़ता की परीक्षा ली है। दुनिया को भुगतना पड़ा है, लेकिन आखिरकार जो जीतेगा वह वायरस नहीं बल्कि मानवीय शक्ति है.... टीकों के उत्पादन के साथ-साथ टीकाकरण अभियान में अभूतपूर्व वैश्विक एकजुटता दिखी है।’’

अंबानी ने कहा, ‘‘हम भारत में संकट के समय कतर की मित्रता को कभी नहीं भूलेंगे जिसने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान व्यापार से आगे बढ़कर साथ दिया और अपने सभी यात्री विमानों को दवा और अन्य जरूरी आपूर्ति में इस्तेमाल किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह क्या बताता है। कतर देखने में एक छोटा देश जरूर होगा लेकिन उसका दिल बड़ा है। ‘‘मुझे लगता है कि अब उद्देश्य के साथ व्यापार और करुणा आगे का रास्ता है।’’

उद्योगपति ने कहा कि दूसरी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि जिन अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहन सहायता का लाभ नहीं मिला, उन्हें वापस पटरी पर लाया जाए और वे विकसित हों। ताकि पूरी दुनिया सतत रूप से आगे बढ़े और न कि केवल विकसित अर्थव्यवस्थाएं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कंपनियों के लिये स्वच्छ ऊर्जा को अपनाकर सतत कारोबार मॉडल अपनाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

पश्चिम एशिया के साथ अपने संबंधों पर अंबानी ने कहा कि उनका जन्म यमन में हुआ जहां उनके पिता धीरूभाई काम करने के लिये गये थे।

‘‘और वह (धीरूभाई) हमेशा कहते थे कि मेरे अंदर अरबी खून है।’’ उन्होंने कहा कि रिलायंस सभी अरबी देशों के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है।

खाड़ी देशों के सावरेन वेल्थ फंड ने रिलायंस के डिजिटल और खुदरा कारोबार में निवेश किया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज गुजरात के जामनगर में दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनरी परिसर का परिचालन करती है। इसमें पश्चिम एशिया और अन्य देशों से कच्चे तेल को परिशोधन कर पेट्रोल, डीजल जैसे उत्पाद तैयार किये जाते हैं।

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