कोल इंडिया लिमिटेड के पांच कर्मचारी संगठनों समेत सिंगरेणी कॉलरीज कंपनी लिमिटेड और राज्य सरकारों के स्वामित्व वाली अन्य कोयला कंपनियों के कर्मचारी 24 सितंबर को हड़ताल करेंगे. श्रमिक संगठनों ने उनकी मांगें नहीं माने जाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है.
यह हड़ताल खनन में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति दिए जाने के विरोध में बुलाई गई है. कोल इंडिया के पांचों कर्मचारी संगठन करीब पांच लाख श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं. एफडीआई नियमों के संबंध में हालिया निर्णय में सरकार ने कोयला खनन और अनुबंध पर विनिर्माण क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दे दी है.
इसका मकसद देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाना है. इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस और एआईसीसीटीयू समेत अन्य केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने हड़ताल का समर्थन किया है. अखिल भारतीय कोयला श्रमिक संघ के महासचिव डी. डी. रामनंदन ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर सभी श्रमिक संगठनों ने 24 सितंबर की हड़ताल में हिस्सा लेने पर सहमति जताई है.
विलय की मांग की केंद्र सरकार को भेजे एक नोटिस में संगठनों ने कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड और महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड का मातृ कंपनी में विलय करने की मांग की है.