CLFMA India 65th National Conference: देश में पशुधन उद्योग को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे सीएलएफएमए ऑफ इंडिया (क्लेफमा) अपने 65वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन 57वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में दिव्य कुमार गुलाठी को सर्वसम्मति से नया चेयरमैन चुना गया। चेयरमैन बनने के बाद दिव्य कुमार गुलाठी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस समय पशुधन सेक्टर के सामने सबसे बड़ी चुनौती कच्चे माल की घटती आपूर्ति के साथ पशु आहार की उपलब्धता है। इसलिए उनका मुख्य फोकस चारा उत्पादन के लिए वैकल्पिक कच्चे माल की खोज पर है। उन्होंने कहा कि क्लेफमा के 65वें सम्मेलन का उद्देश्य किसानों और पशुधन उत्पादकों के लिए "फार्म-टू-फोर्क" दृष्टिकोण पर आधारित एक मंच विकसित करना है, जिसके लिए केन्द्र सरकार के साथ बातचीत की जाएगी।
दिव्य कुमार गुलाटी ने निवर्तमान चेयरमैन सुरेश देवड़ा की जगह ली है, जो कि अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। गुलाटी के पास स्वास्थ्य देखभाल, पोषण और खाद्य उद्योग में 30 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव है। उन्होंने पशुधन उद्योग में नवीन और टिकाऊ समाधान पेश करने और स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नर्चर टेक्नोलॉजी के प्रबंध निदेशक के रूप में गुलाटी 1990 के दशक में भारत में झींगा पालन के लिए प्रोबायोटिक संस्कृति लाने और आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी को शुरू करने में अग्रणी रहे हैं। उन्होंने आयुर्वेदिक हर्बल अवयवों के मिश्रण के माध्यम से कई नवीन उत्पाद भी विकसित किए हैं। पोल्ट्री और डेयरी उद्योग को लेकिन उनके नए दृष्टिकोण से पशुधन उद्योग को जबरदस्त परिणाम मिले हैं।
क्लेफमा के चेयरमैन का चुनाव दो साल के लिए होता है। इसके साथ ही क्लेफमा ऑफ इंडिया की नई कार्यकारिणी भी घोषित कर दी गई। डिप्टी चेयरमैन पद पर नवीन पसुपार्थी, सुमित सुरेखा, अभय पारनेरकर और अभय शाह चुने गए हैं। निसार एफ. मोहम्मद को सचिव, आर. राम कुट्टी को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा बलराम भट्टाचार्य- ईस्ट जोन प्रसिडेंट, डॉ. सैकत साहा- वेस्ट जोन प्रसिडेंट, डॉ. देवेन्द्र हुड्डा- नार्थ जोन प्रसिडेंट और सरवनन को क्लेफमा का साउथ जोन प्रसिडेंट बनाया गया है।