लोन धोखाधड़ी मामले में CBI ने हैदराबाद की एक कंपनी के खिलाफ केस किया दर्ज
By भाषा | Published: March 28, 2018 04:05 AM2018-03-28T04:05:20+5:302018-03-28T04:05:20+5:30
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, 'ऋण सुविधा में नकद क्रेडिट, टर्म लोन और लेटर ऑफ क्रेडिट शामिल है। खाता 30 अप्रैल 2014 को एनपीए बन गया और फिर इसे धोखाधड़ी घोषित कर अक्तूबर 2016 में आरबीआई को सूचित किया गया।
नई दिल्ली, 28 मार्चः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हैदराबाद की एक निजी कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक और आठ अन्य पर भारतीय स्टेट बैंक से 65 करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित तौर पर ठगी करने करने के लिए मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने कंपनी, इसके अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक नरेन्द्र कुमार पटेल और कंपनी के निदेशकों सहित आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
आरोप है कि कंपनी जय अंबे गौरी केम लिमिटेड वर्ष 2009 से ही एसबीआई के साथ बैंकिंग कर रहा था जिसने तब एक्सिस बैंक की तरफ से मुहैया सुविधा के आधार पर ऋण लिया।
सीबीआई के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा, 'ऋण सुविधा में नकद क्रेडिट, टर्म लोन और लेटर ऑफ क्रेडिट शामिल है। खाता 30 अप्रैल 2014 को एनपीए बन गया और फिर इसे धोखाधड़ी घोषित कर अक्तूबर 2016 में आरबीआई को सूचित किया गया। एजेंसी ने हाल में मामले के सिलसिले में छापेमारी की थी।'
उन्होंने कहा, 'आरोप है कि कंपनी ने बैंक की सहमति के बगैर स्टॉक हटा लिया, गिरवी रखी गई संपत्तियां विवादित थीं, कोष को कहीं और भेज दिया गया और काफी नकदी जमा कराई गई और उसे निकाला गया।'
उन्होंने कहा कि ऋण धोखाधड़ी में बैंक को कथित तौर पर 65.35 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।