नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण लोग आजकल इलेक्ट्रिक कारों की तरफ रुख कर रहे हैं। हाल के समय में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में भी काफी तेजी देखी गई है। अब अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने कहा है कि 2030 तक दुनिया भर में सड़कों पर लगभग 10 गुना अधिक इलेक्ट्रिक कारें दिखाई देंगी।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने मंगलवार, 24 अक्टूबर को नए 'वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2023' के आंकड़े जारी किए। इसके अनुसार ऊर्जा जगत में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी मौजूदा 30 प्रतिशत से 2030 तक 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
आईईए के कार्यकारी निदेशक फातिह बिरोल ने कहा, "स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन दुनिया भर में हो रहा है। यह 'अगर' का सवाल नहीं है, यह सिर्फ 'कितनी जल्दी' का सवाल है। जितनी जल्दी हो उतना हम सभी के लिए बेहतर होगा कि स्वच्छ ऊर्जा को अपनाया जाए।" रिपोर्ट में कहा गया है कि नई अपतटीय पवन परियोजनाओं में निवेश 2030 तक तीन गुना तक बढ़ जाएगा।
बता दें कि मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें थोड़ी ज्यादा हैं लेकिन आने वाले समय में इनकी कीमतें भी कम होने की संभावना है। भारत में इस समय कई ऐसी कारें हैं जो लोगों को खूब पसंद आ रही हैं। टाटा मोटर्स की टियागो ईवी, टिगोर ईवी, नेक्सॉन ईवी प्राइम, नेक्सॉन ईवी मैक्स, एमजी जेडएस ईवी, महिंद्रा एक्सयूवी400 ईवी, महिंद्रा ई-वरीटो, सिट्रोएन ईसी3, हुंडई कोना इलेक्ट्रिक और बीवाईडी ई6 जैसी अलग-अलग सेगमेंट की इलेक्ट्रिक गाड़ियां हैं जो इस समय बाजार में उपलब्ध हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने का सबसे बड़ा लाभ ये है कि इससे आप अपनी यात्रा के खर्च को बेहद कम कर सकते हैं। जहां एक पेट्रोल कार पर 100 किलोमीटर की दूरी तय करने में 600 से 800 रुपये खर्च हो जाते हैं, वहीं एक इलेक्ट्रिक कार से इतनी दूरी तय करने में 100 रुपये से भी कम का खर्च आता है। बार-बार पेट्रोल भरवाने के लिए जाने का झंझट भी नहीं उठाना पड़ता। यही कारण है कि इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ रही है।